पोर्टल ना पोर्टल से परे एगो समग्र पत्रिका.
पोर्टल माने दरवाजा होला. लैटिन शब्द पोर्ट से बनल ई शब्द आजुकाल्ह वइसनका वेबसाइट के भी दरसावेला जहाँ रउरा कवनों खास विषय पर सबकुछ पा सकीं. दोसरा शब्द में कहीं त पोर्टल एगो समग्र वेबसाइट हऽ. भोजपुरी भाषा के पहिलका वेबसाइट, जहाँ रउरा साहित्य आ समाज का बारे में गम्भीर चर्चा कर सकीं, अँजोरिया आपन जिम्मेदारी उठावे के तैयारी में लागल बा. राउर सनेह बनल रही तऽ अँजोरिया राउर सेवा बढ़िया से कर सकी ऐह उम्मीद का साथ पेश बा अपना नया कलेवर में. राग द्वेष से परे, सामूहिक हित के बात करे वाला, गैर व्यावसायिक अँजोरिया भोजपुरी के आदिकवि कबीर के शब्द में ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर का अन्दाज में रहल बा आ रही. भोजपुरी में आ भोजपुरी खातिर काम करे वाला हर आदमी के प्रति सम्मान के साथ रउरा सोझं अँजोरिया पेश कइल जात बा. पढ़ीं. नीक लागे तऽ प्रशंसा करीं, बाउर लागे तऽ बतायीं ताकि सुधारल जा सके. कहीं केहू छूटल होखे तऽ जरूर बतायीं. अपना सीमित संसाधन में हम जतना सम्भव हो सकी करे के तैयार बानीं. हम भोजपुरी के राजनीति में नइखी बाकिर भोजपुरी के रणनीति खातिर समर्पित बानीं.
भोजपुरी हालचाल
(भोजपुरी समाज आ संस्कार से जुड़ल समाचार)
तीन आ चार नवम्बर के जब सासाराम मे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन के अधिवेशन भईल तऽ ओह में भोजपुरी राज्य के माँग उठावल गइल. भोजपुरी राज्य बने के चाहीं पर बने से पहिले भोजपुरी के ओकर उचित जगह पर पहुँचावल भी जरूरी बा. ओह सम्मेलन में भोजपुरिया डॉटकॉम के प्रशंसा भइल आ सुधीर कुमार के सम्मानित कइल गईल. सुधीर जी के बधाई. बाकिर सम्मेलन अखिल भारतीय के नाम पर होखे आ भोजपुरी के वेबसाइटन के खबर भी ना दिआव, इ अकिल के बात नइखे. हमरा सुधीर जी से जानकारी मिलल, जाये के पूरा मन बनवले रहीं, बाकिर कार्तिक पूर्णिमा नहान का चलते रास्ता में बाधा का चलते ना जा पवनी. बाकिर इ जरूर बाउर लागल कि सम्मेलन के कर्ता धर्ता लोग सम्मेलन के व्यापक बनावे खातिर ठीक से प्रयास ना कईल. गोड़ऊँ नाच भोजपुरिहा क्षेत्र में खूब चलेला बाकिर ओकर सामाजिक प्रतिष्ठा नइखे. दुल्हिन बिआ बेमार निरहुआ सटल रहे, आ जा झार के जइसन दुअर्थी गीतन से भोजपुरी के भला ना होखी. जहाँ वइसनका गीतन आ गीतकारन के प्रधानता दिआई ऊँहा ऊहे होई जवन सासाराम में भईल. हुल्लड़बाजी.
१२ नवम्बर के बलिया के गड़हा में गड़हा महोत्सव भईल. ओहिजो ढेर लोग जुटल, लाखन के भीड़ भईल बाकिर अपना अगल बगल के कलाकारन के कवनो नेवता ना मिलल. तू हमरा ईओर ताकऽ हम तहरा ईओर ताकीं वाला अन्दाज मे सबकुछ भइल.ऐह सब से भोजपुरी समाज के कवनो फायदा ना होखी. जरूरत बा कि लोग नेंव के ईंटा के तरह भोजपुरी के सेवा में अनाम गुमनाम होके काम करो. झाँवा ईंटा बदरूप होला बाकिर नेंव खातिर सबले बढ़िया होला. जब नेंव मजबूत बन जाव तब चमकउवा संगमरमर लागे.
भोजपुरिहा पहचान
(भोजपुरिहा व्यक्तित्व)
भोजपुरी साहित्य
(कहानी, कविता, लेख वगैरह)
शम्भूनाथ उपाध्याय के कविता संग्रह
मनोज भावुक के गजल संग्रह तस्वीर जिन्दगी के
भोजपुरी संसद
(भोजपुरिहा समाज से जुड़ल सवाल पर बहस के सार्वजनिक मंच)
भोजपुरी सिनेमा
(भोजपुरी फिल्म आ फिल्मी लोग के बारे में)
भोजपुरी धरोहर
(लोकगीत आ दादी के कहानियन के संग्रह)
भोजपुरी शब्दकोष
(भोजपुरी अंग्रेजी शब्दकोष)
भोजपुरी व्याकरण
राउर सुझाव
(अँजोरिया का बारे में)