भारत के जनता के जीत

देश का इतिहास में पहिला बेर अइसन भइल जब कवनो जन आन्दोलन के अतना बड़हन असर पूरा देश पर पड़ल आ लोग अपना मन से बिना कवनो उत्तेजना के एह आन्दोलन में शामिल होत गइले आ सरकार के मजबूरन आन्दोलन के हर माँग माने के पड़ल.

एह आन्दोलन के बाद देश के एगो नया महात्मा गाँधी अन्ना हजारे का रुप में मिल गइल बा आ अब आगहु अइसनका जन आन्दोलन देखे के मिली. लोकपाल बिल के बनावे खातिर जवना समिति के अधिसूचना सरकार जारी कर दिहले बिया ओहमें सरकार आ आम जनता के पाँच पाँच गो प्रतिनिधि शामिल कइल गइल बाड़न.

समिति के अध्यक्ष प्रणव मुखर्जी आ सह अध्यक्ष शांतिभूषण रहीहन. सदस्यन के नाम बा अन्ना हजारे, वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण, सेवानिवृत न्यायाधीश संतोष हेगड़े आ अरविन्द केजरीवाल.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहले बाड़न कि सरकार अगिला मानसून सत्र में लोकपाल विधेयक के संसद में पेश करी.

एह आन्दोलन के मिलल जीत में मीडिया के भागीदारी के प्रशंसा करे के पड़ी जे पूरा मन से एह आंदोलन के कवर कइलस जवना चलते लोग के भीड़ एह आंदोलन से जुड़ गइल. ना त जंतर मंतर पर अइसनका अनशन हमेशा चलत रहेला, आजुवो कुछ लोग अनशन पर बा जवना लोग के कवनो कवरेज नइखे मिल पावत काहे कि ऊ लोग अन्ना हजारे, किरण बेदी ना ह.

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