भोजपुरी खातिर केहू का लगे समय नइखे

भोजपुरी खातिर केहू का लगे समय नइखे

मशहूर उपन्यासकार दयानन्द पाण्डेय जी के लिखल उपन्यास “लोक कवि अब गाते नहीं” का आखिर में एगो प्रसंग आवेला कि कहाँ बिया पिंकिया.

लोक कवि ठकुआइल बाड़े, खिसियाइलो बाड़े. साथ ही शर्म में डुबलो बाड़े. सोचत बाड़े कि जे ऊ पत्रकार एहिजा एह नई दिल्ली स्टेशन पर मिल जाइत त ओकरा के बोला के ई मंजर देखवते कि, ‘लोक कवि जिंदाबाद ! लेकिन पिंकीआ कहां बिया?’ आ बतवते कि ऊ अब काहे ना गावसु!
बब्बन यादव जइसन लोग उनुका के गावे देला कहीं ?
ई सोच के लाज से उ मूड़ी अउरी नीचे कर लेत बाड़े. लेकिन बब्बन यादव के नारा आ फुसफुसाना चालू बा, ‘लोक कवि जिंदाबाद! लेकिन पिंकीआ कहां बिया?’

लोग आवत जावत चिहुँक के बब्बन यादव आ लोक कवि के देखियो लेत बा. लेकिन लोक कवि खुदे से ई सवाल करत बाड़े कि भोजपुरी बिरहा में लड़िकियन के ई फसल उहे बोवले त काटी के? ऊ जवाबो देत बाड़े खुद ही के कि, हम ही काटब. हालां कि बब्बन यादव रह-रह के तबहियो चिल्लइले जात बाड़े, ‘लोक कवि के जय!’ आ पलट के लोक कवि के कान में फुसफुसात बाड़े, ‘लेकिन पिंकीआ कहां बिया?’

त का ई सिरिफ बब्बन यादव के शराब पी के बहके के अंदाजे भर ह? आ कि लोक कवि के येन-केन-प्रकारेण मार्केट में बनल रहला के दंश ह?

लोक कवि अब गाते नहीं – आखिरी कड़ी

भोजपुरी से सगरी प्रेम एही फिकिेर में सिमटा गइल बा कि कहाँ बिया पिंकिया !

“हे गंगा मईया तोहके पियरी चढ़इबो” से भोजपुरी सिनेमा के पहिलका दौर शुरु भइल रहल आ “सईयां हमार” से दूसरका दौर. एह फिलिम में रविकिशन नायक रहलन आ ओकरा बाद रविकिशन के लोकप्रियता आसमान छूवे लागल रहुवे. एही दौर में मनोज तिवारी आ दिनेश यादव निरहुआ मिला के एह लोग के तिकड़ी बन गइल रहल. तीनों में सुपर स्टार कहावे के होड़ लागल रहत रहुवे. एह प्रतिद्वन्दिता में तीनो का बीच कटाह आ कलह सर्वविदित रहल. एह तीनो लोग – रविकिशन, मनोज तिवारी मृदुल, आ दिनेश लाल यादव निरहुआ – के पहिला बेर ईटीवी का तरफ से बनारस में आयोजित फिल्म पुरस्कार समारोह २००८ में पहिला बेर एक साथे मंच पर देखे के मिलल रहल. भोजपुरी के प्रसिद्ध निर्माता अलोक कुमार ओह दिन एलान कइले रहन कि एह तीनो सुपर स्टार के एक साथ लेके फिल्म बनइहें. बाद में ई फिलिम “गंगा जमुना सरस्वती” का नाम से बनल. “गंगा जमुना सरस्वती” के शूटिंग का दौराान लीहल एगो फोटो देखीं .

भोजपुरी सिनेमा के तीनो सुपर स्टार एक साथ

मनोज तिवारी आ निरहुआ मूल रुप से गायक रहलन आ अभिनय का मैदान में ऊ लोग अपना गवनई से मिलल लोकप्रियता भँजावे आइल रहल. रविकिशन अपना अभिनय का बल पर अइलन आ भोजपुरी सिनेमा के एगो निकहा ऊँचाई दिआवलन. संजोग से ई तीनो जने आजु भाजपा के सांसद बन के लोकसभा में मौजूद बाड़ें बाकिर भोजपुरी आजुओ तिकवत बिया कि कब ओकर दिन सुधरी.

हाल ही में स्क्रीन पत्रिका के दीहल एगो साक्षात्कार में रविकिशन ओह दिन के इयाद कइले बाड़न कि कइसे अजय देवगन, अक्षय कुमार आ उनुकर इंट्री सेिनेमा में करीब एकही साथ भइल रहल. ऊ दुनु आगे बढ़ गइलें आ रविकिशन के स्ट्रगल जारी रहल. कवनो हिन्दी फिलिम में नायक के किरदार करे के मौका ना मिलत रहे. बाकिर भोजपुरी फिलिम “सईयां हमार” में रविकिशन नायक रहलन आ फिलिम गजबे सफल भइल रहल. एही फिलिम के सफलता भोजपुरी सिनेमा के दुसरका जनम दे दिहलसि. बाकिर ईहो जिनिगी ढेर दिन ले चल ना पावल.

रविकिशन के अफसोस बा कि भोजपुरी सिनेमा में आईल नयका सुपर स्टार “पिंकिये” (कमाई) का पीछे रह गइलन आ भोजपुरी सिनेमा पीछे छूटत चल गइल. हाल में रीजनल सिनेमा में उछाल अइला का बावजूद भोजपुरी सिनेमा एह उछाल के फायदा ना उठा पवलसि. रविकिशन के कहना बा कि ई नयका लोग खाली पईसा का पीछे भागत रहि गइल आ सिनेमा के कहानी, निर्देशन, कैनवास पर धेयान ना दीहल लोग.

“क्योंकि मेरे सभी जूनियर हीरो सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं, निर्देशन या लेखन पर खर्च नहीं करना चाहते हैं। अब उस गति को हासिल करना बहुत मुश्किल है। मैंने इसे नेशनल अवॉर्ड जीतने की स्थिति तक पहुंचा दिया था, लेकिन सभी जूनियर सुपरस्टार्स ने इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया। अब दर्शक उनसे आगे निकल गए हैं, वे सिनेमाघरों में नहीं जा रहे हैं और फिल्में ओटीटी पर शिफ्ट हो रही हैं।”

बाकिर अपना अफसोस का बावजूद अब गोरखपुर से भाजपा सांसद बन गइल रविकिशनो का लगे समय नइखे रहि गइल कि भोजपुरी सिनेमा खातिर कुछ कर सकसु. हालांकि हिन्दी सिनेमा में उनुकर मौजूदगी के नोटिस लीहल जाए लागल बा. रविकिशन के एगो हिन्दी फिलिम ‘लापता लेडीज़’ ऑस्कर में भारत का तरफ से आधिकृत प्रविष्टी पा लिहले बिया.

” लापता लेडिज” आमिर खान के एक्स वाइफ किरण राव के निर्देशन में बनल आ एकरा बहुते बढ़िया रिस्पांस मिलल. आ अब एकरा के आस्कर खातिर नामांकन मिल गइल बा.

 

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