आइल पतोहिया भारी रे

– ओ.पी. अमृतांशु

पर घर के आसरा कइली मतारी, आइल पतोहिया भारी रे.
रोएली लोरवा ढारी मतारी, रोएली लोरवा ढारी रे.

नव महीना दरदिया सहली ,बबुआ के जनमवली 
देवता-पितर पूजली, शीतला माई के गोद भरवली
नजर-गुजर ना लागो, केतना मरीचा दिहली जारी रे,
रोएली लोरवा ढारी मतारी, रोएली लोरवा ढारी रे.

छ्छ्ने छुधवा माई के, पतोहिया अफरे खाई के,
दुधे-मलाई में डूबल बा, नकिया  अनका-जाई के.
टुकुर -टुकुर ताकेला अँखिया, कइसन बा लचारी रे
रोएली लोरवा ढारी मतारी, रोएली लोरवा ढारी रे.

रोपनी-सोहनी कइली, बबुआ के खूब पढ़वली,
ममता के गोदिया में, एगो सुन्दर फूल खिलवली.
मुरुझाइल फुलवरिया, फुलवा लोढ़लस बे-विचारी रे.
रोएली लोरवा ढारी मतारी, रोएली लोरवा ढारी रे.

कलपत जियरा, हहरत हियरा, डहकत छने-छने रोंवा
छछनत हाय  परनवा बाटे, कइली कवन कसूरवा.
हाय रे रामजी,  हद के लीला तहरो बाटे न्यारी रे.  
रोएली लोरवा ढारी मतारी, रोएली लोरवा ढारी रे.

11 Comments

  1. Mukesh Yadav Said.....

    का बात बा ,ई त बङा सुन्दर रचना बा ।

  2. Mukesh Yadav Said.....

    @ Editor of Anjoria.com

    संपादक जी ,राऊर नया प्रयाश अंजोर दूनिया निमन बा ,बाकी रजिस्टर होखला के सुविधा त खाली कम्प्यूटरे से ठिक बा ,काहेँ से कि कई गो मोबाइल ब्राऊजर काँपी पेस्ट के शुविधा ना देलनस ,हमरो इच्छा रहे कि अँजोर दूनिया से जुङला क बाकी वर्डप्रेस के ऊ लमहर पासर्वड लिखला मे गलती हो जाला ।

  3. OP_Singh

    मुकेश जी,

    रउरा अँजोर दुनिया से जुड़ल चाहत बानी जान के खुशी भइल. रजिस्टर कइला का बाद वर्डप्रेस से जवन पासवर्ड मिलेला तवना के रउरा अगिला बेर लागिन कर के बदल सकीलें. बाकिर ओकरो के आठ अक्षर से कम के मत राखेम. कोशिश रहे के चाहीं कि पासवर्ड आसान होखे, ओहमें कैपिटल आ लोअर केस के अक्षर, अंक, आ !$%^*()_+=- में से कुछ चिह्न जरुर रहे.

    आशा बा कि रउरा परेशानी ना होखी.

    राउर
    संपादक, अँजोरिया

  4. Ranjit Kairos

    बहुत अच्छा लागल.

    माई के ममता के चित्रण .

    धन्यवाद !

    रंजित कैरोस

  5. SAHIL

    Very Very Lovely Song
    Good O.P.

  6. parveen singh

    bahut atchcha opg

  7. neha

    Very touched poem and painting is purely shows the feel of poem… owesome..

  8. Arti Makhija

    Very Emotional lines OPG but ending on a sad note…Very expressive picture

  9. Chitsa Mehta

    समाजिक दृष्टि से आपकी गीत ‘ आइल पतोहिया भारी रे’ काफी प्रभाव पूर्ण है .माँ की ममता की दर्द का चित्रण अच्छा लगा . बहुत कम साहित्यकार होते है जो लिखने के साथ -साथ पेंटिंग्स भी करते हैं .आपने अपने पेंटिंग्स द्वारा अपने रचना का भाव साफ -साफ दिखा दिया .

    धन्यवाद .

  10. DINESH MAURYA

    Bahut achcha lagal aapke rachana parhke.Jme gaunke her dukhi maai ke dard safa chittaran kailba.

  11. kiran Pandit

    जिवंत चित्रण।

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