बलिया अभिशप्त रहल बा गंगा के कटान से. मौजूदा बलिया शहर तिसरका बेर बसावल गइल. हर बेर पुरनका बलिया के मन्दिर से देवी-देवता के मूर्तियन के नया मन्दिर में पुनर्स्थापित कइल गइल. बलिया के पुरातत्व के शोध में लागल डॉ शिवकुमार कौशिकेय के कहना बा कि मौजूदा भरगु मन्दिर का सामने स्थापित श्री राम मन्दिर के प्रतिमा पहिलका बलिया में स्थापित कइल गइल रहुवे. एह मूर्तियन के उमिर करीब साढ़े तीन सौ- चार सौ बरीस पुरान हई सँ.
भृगु मन्दिर के ठीक सामने स्थित ई श्रीराम जानकी मंदिर बरीसन से स्थापित रहल. जीर्ण-शीर्ण हो चुकल एह मन्दिर के जीर्णोद्धार सात सौ वर्ग फीट जमीन पर करावल गइल. एह मन्दिर में राजस्थान के मकराना से मँगावल पत्थरन के लगावल गइल आ एकर काम साजिद, सादात, अउर समीर नाम के कारीगर कइले. इहे कारीगर अयोध्या मंदिरो में काम कर चुकल बाड़ें.
जीर्णोद्धार का बाद एह मन्दिर में मूर्तियन के प्रतिष्ठा पिछला 22 जनवरी के वैदिक विधि-विधान से करावल गइल. बलिया के एह श्रीराम जानकी मन्दिर के शिखर के ऊँचाई करीब 21 फीट के बा आ ओकरा उपर छह फीट के मुख्य कलश स्थापित कइल जाई. साथ ही मुख्य शिखर के चारो ओर एक एक फीट के सोलह गो कलश शिखर अउर लगावे के योजना बा.
पिछला 19 जनवरी 2024, शुक का दिने जलाधिवास, अन्नाधिवास, आ फलाधीवास वगैरह के कार्यक्रम पूरा भइल. एह शुभ कार्य में मुख्य जजमान श्रीमती आशा देवी आ उनकर पतिदेव श्री विजय प्रकाश सिंह रहलन.
प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान का साथे 22 जनवरी के करावल गइल मन्दिर के प्रवक्ता रजनीकांत सिंह बतवलन कि अबहीं एह मन्दिर में अउरिओ देवी देवता के प्रतिमन के प्राण प्रतिष्ठा होखल अबहीं बाकी बा.
भगवान श्री राम, माता जानकी, आ भ्राता लक्ष्मण के प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा का दिने एगो विशाल भंडारा के आयोजन कइल गईल जवना में बीसन हजार भक्त प्रसाद ग्रहण कइलन. भक्तन के भीड़ के व्यवस्थित राखे में मंदिर प्रबंध समिति के कार्यकर्तन के साथ ही स्थानीय पुलिसो के सहयोग मिलल. नेशनल हाइवे 31 पर स्थित होखला का चलते कई बेर जाम लागे के समस्यो भइल जवना के निराकरण होखत रहल.
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