केन्द्रीय विश्वविद्यालय खातिर ना त जमीन मिलल ना पूरा प्राध्यापक

बिहार मे केन्द्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना के चार साल बादो ले ना त ओकरा जमीन मिलल बा ना जतना चाहीं ओतना प्राध्यापक. मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़ल संसद के स्थायी समिति अपना रिपोर्ट में कहले बिया कि बिहार के दू गो केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनावे खातिर जमीन पता ना कबले मिली.

केन्द्र सरकार बिहार के गया आ मोतिहारी मे केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनावे के फैसला लिहले बिया. गया के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना अस्थायी तौर पर पटना के बीआईटी परिसर मे साल 2009 में कइल गइल रहे. एह विश्वविद्यालयन ला केन्द्र के एगारहवीं पाँचसाला योजना मे 240 करोड रूपिया मंजूर भइल बा. बाद में जरूरत पड़ला पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग धन उपलब्ध कराई. गया वाला विश्वविद्यालय ला रक्षा मंत्रालय जमीन देबे के बात मंजूर कइले बावे. एह केन्द्रीय विश्वविद्यालय मे चौदह गो स्कूल खोले के योजना बा जवना में से छह गो स्कूल खोला गइल बा आ जल्दिए दू गो अउर स्कूल खुले वाला बा.

स्थायी समिति एह विश्वविद्यालय मे शिक्षकन के कमी पर बहुते चिन्ता जतवले बिया. कहले बिया कि शिक्षकन के 140 गो स्वीकृत पद में से 114 गो खाली पड़ल बा आ जवन 26 गो शिक्षक बहाल भइल बाड़ें ओहमें से 15गो अनुबंध पर बाड़ें. इहे ना, गैर शिक्षकन के 99 गो पद मे से 55 गो खाली पड़ल बा.
(वार्ता)

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