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फ्यूचर बहुत ब्राइट बा, चाचा!!

– दिवाकर मणि

रामलुभाया चाचा, गोड़ लागिले.
खुश रहऽ ए गुणगोबर. कहऽ का हाल-चाल बा? आजुकाल्हि त ना देखाई देत बाड़ऽ ना तहरे बारे में कुछु सुनाते बा, अईसन काहे हो? अउर तहरा चेहरा प ई खुशी टपक रहल बा, एकर रज का बाटे?
बात-वात कुछो ना बा चाचा! जब से पिछलका पंचायत चुनाव हारल बानी, तबेसे खलिहर बनिके एने-ओने चकल्लस मारत बानी. ई देखिके हमार मेहरारू हमरा के दिन-रात कोसत रहली ह कि काम के ना काज के ढाई सेर अनाज के. जाईं कुछु काम करी, और दाना-पानी के जुगाड़ बइठाईं. दिन रात के घर कचकच से तंग आके हमहुं सोचनीं कि पाकिट भरे खातिर कुछु तिकड़म शुरु कईल जाव. इहे सोचत हम खेलावन भाई के लगे गईनीं. उनकरा घरे गइला प उनुकर मलिकाइन बतवली कि उहां के (यानि कि खेलावन भाई) त कवनो पार्ट-टाइम कोर्स करे खातिर गईल बाड़े. आउर ऊ दु घंटा बाद घरे अईहें. ई बात सुन के त हमरा बहुते अचरज भइल कि खेलावन भाई जइसन लिख-लोढ़ा पढ़-पत्थर आदमी कवन कोर्स कर रहल बाड़े.

खैर, दु घंटा एने-ओने बिता के जब हम उनुकरा घरे फेर से पहुंचनी त उनुकरा से मुलाकात भ गइल. बिना कवनो भूमिका के हम सीधे खेलावन भाई से पूछनीं कि “भाई खेलावन, ई सूरज पछिम से कइसे निकल गइले? तहरा जइसन आदमी जे पढ़ाई के नाम से बचपने से दूर भागे, ऊ कवन कोर्स करे लागल बा हो?” तब खेलावन भाई कहले कि बुरबके बाड़ऽ का हो? आरे, ई कवनो अइसन-वइसन कोर्स ना ह. ई कोर्स त हमनिए खातिर विशेष रूप से तईयार कइल गइल बा. तु त जानते बाड़ऽ कि हमहुं पिछलका पंचाइत चुनाव में हार गईनीं, तबे हम सोच लेहनी कि अभी हम पूरा तरह से समाजसेवा करे खातिर फिट नइखीं, कुछु अऊरी टरेनिंग-वरेनिंग के जरुरत बा. इहे सब हम कुछ दिन से सोचत रहनीं तले अखबार में एक दिन एगो विज्ञापन देखनीं.

कइसन विज्ञापन देखलऽ ए खेलावन भाई? हम उनुकरा से पूछनीं त ऊ बतवले- लोकसभा अउर विधानसभा से एके साथ टॉस हारला के बाद आपन घोटालाराज भईया भालू परसाद एगो नया बिजनेस का रूप में नया टरेनिंग इस्कूल खोलले बाड़े, खास हमनी जइसन समाजसेवा के कैरियर का रूप में अपनाए वाला लोगन खातिर. ओहि इस्कूलिया के विज्ञापन हम अखबार में देखनीं त मन गदगदा गइल. खेलावन भाई आपना रौ में आगे कहे लगले कि – टरेनिंग इस्कूल के सबसे बड़ खासियत ई बा कि ई फुल्ल प्लेसमेंट के गारंटी देवे के बात करत बाऽ. अखबार में एकरा बारे में पढ़ि के हमहुं आपन एडमिशन करावे खातिर भाग-दौड़ शुरु कऽ देहनीं. ओहिजा गइला प देखनीं कि उहां दाखिला पाए खातिर त बहुते भीड़ खड़ा बा, लेकिन थोड़-बहुत तिकड़मबाजी भिड़ा के एगो सीट अपना खातिर बुक कराइए लेहनी.

ई सुनिके हम खेलावन भाई से कहनीं कि “ए खेलावन भाई, कवनो जुगाड़ लगावऽ ना कि हमरो ओहिजा एडमिशन मिल जाए.”

खेलावन भाई कहले- “गुणगोबर भाई, तनीं आऊर पहिले बतइतऽ त कुछ ना कुछ होइए गइल रहितऽ. खैर, चिन्ता जनि करऽ हम कुछ उपाय लगावत बानी. बाकि तनी अंटी ढीला करे के पड़ी.”

तब तू का कहलऽ खेलावन से, का एडमिशन लेहलऽ? आ लेहलऽ त के तरह से? – रामलुभाया चाचा पूछले.

अरे चाचा, सब बतावत बानी, तनी धीरज धरऽ. जब खेलावन भाई अंटी ढीला करेके कहले तब तनीं देर हम सोचे लगनीं, आऽ सोच के खेलावन भाई से कहनीं कि ठीक बा, तू एडमिशन करा दऽ. भले शुरु में देबे के पड़ो लेकिन आगे त मिलहिं के नू बा. तब खेलावन भईया हमके ले के भालूए जी के पारटी के एगो नामी समाजसेवक जी के इहां ले गइले. समाजसेवक जी खेलावन भाई के फुलेना मामा के गेंदा चाचा के छोटका सार के लंगोटिया ईयार हउअन. बहुते बढ़िया आदमी हउअन समाजसेवक जी. उ त पचास हजार से कम में केहू के काम ना करेले, बाकि खेलावन भाई के फुलेना मामा के गेंदा चाचा के छोटका सार के लंगोटिया ईयार हखला के चलते हमार काम आधे पईसा ले के कर दिहले.

वाह-वाह भतीजा, फाइनली तहरो एडमिशन मिलिए गइल नू?

हँ चाचा.

बहुत-बहुत बधाई.

धन्यवाद चाचा.

अच्छा ई बतावऽ कि ई कोर्स केतना दिन-महीना के बा? एकरा खातिर मिनीमम क्वालिफिकेशन का बा, आऽ ई कइला से फायदा का-का बा? – रामलुभाया चाचा पूछले.

“Pre-School Diploma In Corruption Management (PSDCM)” नाम के ई कोर्स छः महीना के बा. आऽ ई कोर्स ज्वाइन करे खातिर कवनो इस्कूलिया पढ़ाई-लिखाई आऽ डिग्री के जरुरत नइखे. हँ, ओह लोग के प्रिफरेंस जरुर मिली, जे लोग पर कम-से-कम दुई-चार ठो पुलिस केस होखे. बहुत सफाई से झूठ बोले में पारंगत होखे लोग आ साक्षात्कार का समय अपना भ्रष्टाचार के नमूना से साक्षात्कार लेवे वाला लोगन के प्रभावित कऽ सके लोग.

चाचा, ई टरेनिंग इस्कूल में पढ़ावे खातिर देश-विदेश के बड़हन-बड़हन भ्रष्टाचार में पारंगत लोगन के मोट मोट फीस दे के बुलावल गइल बा.

ई काहे खातिर रे बुरबक? का आपना देश के महान भ्रष्टाचारी मर गइल बाड़न सँ कि दोसरा देश से ओकनी के बोलावे के पड़ी? कम-से-कम एह क्षेत्र में त आपन भारत देश जरुरे आत्मनिर्भर बा. एह मामला में त हमनीं के देश के गिनती बहुते ऊपर बा. एहिजा से पूरा दुनिया में भ्रष्टाचारियन के निर्यात होलाऽ आऊर तें कहतारे कि तोर टरेनिंग इस्कूल दोसरा देश से पढ़ावे खातिर भ्रष्टाचारियन के आयात कर रहलऽ बा.

ए चाचा, खिसियाईं मतऽ. दोसरा देश के भ्रष्टाचार में दक्ष लोगन के बोलावे के पीछे मकसद इहे बा कि “विदेशियन के भी भ्रष्टाचार करे के तौर-तरीका आऽ संस्कृति” के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके. बाकि त टरेनिंग इस्कूल के संस्थापक व मैनेजिंग डाइरेक्टर भालू प्रसाद जी त खुदे अपने-आप में “भ्रष्टाचार शिरोमणि” हउअन आ ऊ अकेलही देश-विदेश के सारा भ्रष्टाचारियन प भारी पड़ेले.

अच्छा, अच्छा. भतीजा अब तनी फायदवो बता दऽ – रामलुभाया चाचा बात के मरम समझ गइला पर कहले.

चाचा, सबसे बड़ फायदा त इहे बा कि हमनीं का भालू प्रसाद जी के डाइरेक्ट संसर्ग में बानी जा. ई देखिए के कवनो ना कवनो कंपनी भा संगठन अपना इहां भ्रष्टाचार के उत्थान खातिर बढ़िया पैकेज पर रख ली. सत्यम वाला अभिए से आवे लागल बा, बाकि आउरियो कुछ खास-खास पिराइवेट आ सरकारी कंपनी हमरा टरेनिंग इस्कूलिया में आवे लागल बाड़न सँ. सरकारीओ संस्थान हमरे इहां के टॉपरन के अपरेंटिंस करवला के बाद लेबे खातिर राजी हो गइल बाड़न स. चाचा, ढेर ना बोलब. बस एतना समुझ लऽ कि कोर्स करत करत हमहुं टॉप क्लास के भ्रष्टाचारी जरुरे बन जाएब. फ्यूचर बहुत ब्राइट बा, चाचा!!

दिवाकर मणि
भाषा वैज्ञानिक
अनुप्रयुक्त कृत्रिम प्रज्ञान समूह
प्रगत संगणन विकास केन्द्र, पुणे.

दूरभाष – 020-25503318
ब्लॉग- http://diwakarmani.blogspot.com

1 Comment

  1. प्रभाकर पाण्डेय

    दिवाकरजी, बहुते यथार्थ लेखन खातिर साधुवाद स्वीकारीं….सादर।।