– ओ.पी .अमृतांशु
पाकल मोछवा बोकावा के पोंछवा
रुपवा गोबरे लिपावल ! ये दुलहा.
माथे मउरवा सजावल ! ये दुलहा.
अइलऽ गदहिया पे, नाहीं तू नहइलऽ,
आखीं कजरवा ना माई से करइलऽ,
उबड़-खाबड़ बाटे लिलारवा
चूनवा वोही पे टिकावल ! ये दुलहा.
माथे मउरवा सजावल ! ये दुलहा .
लेके दहेजवा बगलिया में धइलऽ,
एको खिली पान ना मुहंवा में खइलऽ,
टूटल दंतवा पचकल गलवा
होंठवा में आलता छुआवल ! ये दुलहा.
माथे मउरवा सजावल ! ये दुलहा.
बढ़नी से बहराई के अइलऽ,
हँसेला लोगवा, अँगनवा समइलऽ,
कउआ जइसन गोर बदनवा.
बाड़ऽ कोठिलवा के काढल ! ये दुलहा.
माथे मउरवा सजावल ! ये दुलहा.
अइलऽ बहिनिया के लेईके ओढ़निया,
भाभी सिखवली ना छुए के चरणिया,
साली से हँसेलऽ ना बोलेलऽ वर,
हाय नाचवा के लागेलऽ नचावल! ये दुलहा.
माथे मउरवा सजावल ! ये दुलहा .
bahut atche opg
कउआ जइसन गोर बदनवा…….oh jiyo O.P. kya baat very nice song.
दुलहा के साथे हंसी -मजाक कइल,
हमनी के इहाँ परंपरा ह.
मजा आ गईल.
साथ में शादी के इयाद भी आ गईल .
धन्यवाद !
रंजित कैरोस
bahut sundar rachna ba
amrtisanshu khub likhat rahin
asirvad
santosh
Bahut Badhiya O.P Jee.
Maja Aaa Gayeel. Lagal Rahu
Ashish Singh
op ji bahut aacha hai! kabhi gaaa kar bhi suna diya karoo!
apki jitni sundar kavita utni hi sundar painting..verrry niiiiice o.p.ji 😀
प्रणाम जी
बहुत सुन्दर रचना कईले बानी.
धन्यवाद
बढ़नी से बहराई के अइलऽ,
हँसेला लोगवा, अँगनवा समइलऽ,
बहुत बढ़िया लागल .राउर रचना में दुल्हा से हंसी -मजाक .
भोला प्रकाश
वाह!दुल्हा के परिछावन गीत त बहुते नीक बा .काश एकर धुन पता रहित त मजा आ जाइत .
किरण
BAHUTE BADHIYA RACHNA HAJI RAUA KA