विराट स्वरूप

– डॉ राजेश तिवारी

कवन राज्यपाल? कवन राष्ट्रपति ?
कइसन संसद भा ओकर बनावल कानून?
पार्थ
आँख खोलऽ आ हमार विराट रूप देखऽ.
हमहीं हईं जे अपने के बहाल करिलें.
हमहीं आपन प्रमोशन कर लिहिलें.
हमरे भाई बंधू हउवें जे जंघिया उतरवा के महिला वकीलन के जज बना सकिलें.
हमरे घर से करोड़न के जरल नोट निकलेला.
हमहीं अधरतियो में पजामा पहिरलहीं आतंकवादियन के केस सुन लिहिलें.
आ हमहीं हईं जे आम जनता के मुकदमन के दसियों साल लटकवले राखिलें.
हे पार्थ
हमरे उपासना कइल करऽ.
हमहीं हईं ब्रह्माण्ड के निर्माता आ ओकर संचालक.
हमहीं साक्षात स्वयंभू प्रभु हईं.
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– प्रोफेसर (डॉ) राजेश तिवारी,
नेत्र सर्जन, आरडीजे मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, तुर्की, मुजफ्फरपुर.

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