शारदा सिन्हा ने किया रिंकू घोष का सम्मान

ShardaSinha-RinkuGhosh
भोजपुरी फिल्मों की नंबरवन नायिका रिंकू घोष को हाल ही में पद्मश्री शारदा सिन्हा ने सम्मानित किया. रिंकू घोष को उनके बेहतरीन अभिनय कैरियर के लिये सिनेयात्रा कुमकुम सम्मान से नवाजा गया. यह समारोह बिहार की राजधानी पटना के रविन्द्र भवन में किया गया. रिंकू घोष को इसके पहले भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार और अनेकों अन्य पुरस्कार मिल चुका है.

भोजपुरी सिनेमा की माधुरी दीक्षित कही जाने वाली रिंकू घोष ने कहा कि गैर भोजपुरी भाषी होने के बावजूद भोजपुरी सिनेमा ने उन्हें पहचान दिलायी है. उन्होंने कहा कि मैंने ‘सुहागन बना दे सजना हमार’ से भोजपुरी सिनमा में अपनी शुरूआत की थी. दर्शकों से मुझे बेहद प्यार मिला है और मैं उनकी आभारी हूॅ.

भोजपुरी सिने यात्रा सम्मान 2015 के अवसर पर कुणाल सिंह, शारदा सिन्हा, उदित नारायण झा, दीपा नारायण झा, रिंकू घोष, अक्षरा सिंह, आलोक रंजन, शक्ति कुमार सिंह, विशुद्ध आनंद और सुनील तिवारी समेत कई लोगों को सम्मानित किया गया.

इस मौके पर बिहार के कला एवं संस्कृति मंत्री तथा जानेमाने गीतकार विनय बिहारी ने कहा कि भोजुपरी को आठवी अनूसूची में लाने के लिये प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार के राजगीर में सिनेमा स्टूडियो की स्थापना की जायेगी. इस दौरान विनय बिहारी ने भोजपुरी गीत गाकर समां बांध दिया. अवार्ड समारोह को अमिताभ पराशर, माही खान और आर्यन ने होस्ट किया.

पदमश्री स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को लता मंगेश्कर सम्मान से अलंकृत किया गया. सम्मानित होने का बाद शारदा सिन्हा ने कहा कि, ‘भोजपुरी सिनेमा में काफी बदलाव आया है. यह सही बात है कि परिवर्तन जरूरी है. अब भोजपुरी सिनेमा में आइटम नंबर का चलन जोरो पर है जो सही नही है. भोजपुरी सिनेमा में संगीत को अधिक महत्व देने की जरूरत है. संगीत ही भोजपुरी सिनेमा की आत्मा होती है.’

शारदा सिन्हा ने कहा कि, ‘भोजपुरी सिनेमा में लोक संगीत सबसे अधिक जरूरी है. हिंदी सिनेमा में भी लोक संगीत का इस्तेमाल किया जाता रहा है. हमें भोजपुरी सिनेमा में संगीत पर ध्यान देने की जरूरत है.’ इस दौरान शारदा सिन्हा ने पहली भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढइबो’ का टाइटिल गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

बॉलीवुड के जानेमाने पार्श्र्गायक और पदश्रमी उदित नारायण झा को चित्रगुप्त सम्मान से नवाजा गया. उदित नारायण ने कहा कि जब उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में कदम रखा था तब संगीतकार चित्रगुप्त ने उनसे अपनी एक फिल्म के लिये गीत गवाया था. इसके बाद चित्रगुप्त के पुत्र आनंद-मिलिंद ने मुझसे सुपरहिट फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ के लिये गीत गवाये. इस मौके पर उदित नारायण ने उसी फिल्म का सुपरहिट गाना ‘पापा कहते है बड़ा नाम करेगा’ गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया.

असीम कुमार सिने यात्रा सम्मान से सम्मानित कुणाल सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान के सिनेमा से भोजपुरी को अलग नही किया जा सकता. भोजपुरी सिनेमा आज अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में भोजपुरी सिनेमा में कुछ हद तक अश्लीलता आयी है. मैं कभी इस तरह के सिनेमा में काम नही करना चाहता हूँ.


(शशिकांत सिंह)

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