का मोदी तुंहू

का मोदी तुंहू

पहलगाम के हिन्दू पर्यटकन के चीन्ह चीन्ह के गोली मारे वाला इस्लामी आतंकवादियन के हमला का बाद मोदी सरकार के खीस आसमान पर रहुवे. बाकिर अपना आदत आ सुभाव का मुताबिक मोदी तातल तावा पर हाथ ना लगवलें आ पूरा इत्मीनान से भारतीय सेना के तीनों विभागन के आजादी दे दिहलें कि अपना हिसाब से आपन समय चुन के पाकिस्तान के सबक सिखावल जाव.

आ सेना हमेशा का तरह पूरा कामयाब रहल अपना योजना में. भारत के कइल एकहूं वार खाली ना गइल जबकि पाकिस्तान के हर वार के काट दीहल गइल. भारत के वायुरक्षा प्रणाली के शानदार उपलब्धि दुनिया के युद्ध इतिहास में रेघरियावल जाई कि भारत पहिलका अइसन देश रहल जवन अपना पर होखे वाला हर आसमानी हमला के नाकाम कर दिहलसि. एकरा पहिले एह तरह के उपलब्धि इजरायल का नामे रहल बाकिर भारत ओकरो से आगे निकल गइल आ शत प्रतिशत सफलता पा के देखा दिहलसि.

बाकिर भारत के इहो दुर्भाग्ये ह कि हमहन के हर प्रधानमंत्री, जेकरा शासन का दौरान पाकिस्तान से युद्ध भइल, सेना के जीतल बाजी वार्ता का मेज पर हार के चल अइलें. शुरुआत पहिलका प्रधानमंत्री जवाहरलाल कइलन जे पहिले त सेना के कश्मीर में भेजे में आनाकानी कइलन आ देरी से भेजलन. एकरा बाद जब सेना आपन लक्ष्य हासिल करे का मुकाम पर चहुँपहीं वाला रहल तबहियें ऊ कश्मीर मामिला संयुक्त राष्ट्रसंघ में ले के चल गइलन. उनकर कइल पाप आजु ले देश भोगत बा. जवाहरे सरकार का दौरान चीन का साथे भइल युद्ध में भारत के शर्मनाक हार भइल रहल आ ओकर त हम जिक्रे नइखीं करत. हम त बस ओही युद्धन के जिक्र करत बानी जवन या त भारत जीतले रहल भा जीत का कगार पर रहल.

एकरा बाद 1967 के युद्ध में पाकिस्तान के करारी हार का बाद तब के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ताशकंद समझौता में सब कुछ हार गइलन. दुर्भाग्य रहल कि ताशकंद में उनुका के जहर खिया के मार दीहल गइल (अइसन कहल जाला ) आ जवन रसोईया उनुका के जहर दिहलसि तवना के भर जिनिगी भारत सरकार तनखाह देत रहल जबकि ऊ पाकिस्तान चल गइल रहल.

तिसरका जीत भारत 1971 के बांग्लादेश युद्ध में हासिल कइलसि आ पाकिस्तान के दू टुकड़ा कर दिहलसि. ओकर 90 हजार से बेसी सैनिकन के युद्धबंदी बना लीहल गइल आ पाकिस्तानी जनरल आत्मसमर्पण कर दिहलसि. एकरो दोसर उदाहरण दुनिया के इतिहास में ना मिले बाकिर तब के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शिमला समझौता में सगरी जीतल गँवा के चल अइली. पाकिस्तान के 90 हजार से बेसी सैनिकन के छोड़ल त सकार लिहली बाकिर आपन महज 58 गो युद्धबंदियन के पाकिस्तान से ना छोड़वा पइली. एह युद्धबंदियन के मौत पाकिस्ताने का जेलन में भइल.

आ अब एह तरह के शर्मनाक हार के उदाहरण छप्पन इंची सीना राखे के दावा करे वाला नरेन्द्रो मोदी के सरकार देखा दिहलसि. सेना के श‌ानदार उपलब्धि पर पानी फेरत भारत सरकार युद्धविराम करे पर तइयार हो गइल. समूचा देश स्तब्ध रह गइल काहें कि मोदी से एह तरह के आचरण के उमेद ना रहल केकरो. इहां ले कि मोदी विरोधियनो के अइसन उमेद ना रहल कि मोदी के झुकावल जा सकेला. अलग बात बा कि अबहीं ले मोदी का मुँह से युद्धविराम के बात नइखे कहाइल. आ भारत के वायुसेना के कहना बा कि आपरेशन सिन्दूर अबहीं जारी बा.

देश अबहियों ई आस नइखे छोड़ले कि मोदी कुछ ना कुछ अइसन कर देखइहें जवना से हारल बाजी फेर से जीत लेव भारत. कहल जाला कि मोदी है तो मुमकिन है बाकिर इहो ओतने साँच बा कि मोदी के समुझल नामुमकिन होला. का मोदी कुछ अउर सोचले बाड़न ?

संतोष के बात इहो बा कि सिंधु जल समझौता अबहियों निलंबित बा आ ओकरा के जिआवे के कवनो बात नइखे कहल जात. दोसरे मोदी सरकार साफ कह दिहले बिया किे भविष्य में होखेवाला कवनो आतंकी घटना युद्ध के बराबरे मानल जाई आ ओकर प्रतिकारो ओही हिसाब से कइल जाई. बाकिर बड़बोला ट्रम्प के औकात पर ले आ सकिहें मोदी एकरो उमेद नइखे कइल जात.

कई बेर कह चुकल बानी कि कुछ ना कुछ जरुर बा जवना से मोदी सरकार डेराइल रहेले. जइसे कि राहुल गाँधी के विदेशी नागरिकता के सवाल पर आजु ले भारत सरकार कवनो फैसला नइखे कर सकल. अरे भाई अगर ऊ विदेशी नागरिक ना हउवन त साफ बता देव सरकार आ अगर हउवन त ओही हिसाब से कार्रवाई होखे. नेशनल हेराल्डो के मामिला लटका के राखल गइल बा.

चलीं देखल जाव आवे वाला दिनन में का का सोझा आवत बा.

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