Category: उपन्यास

लोक कवि अब गाते नहीं (२)

(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) पहिलका कड़ी से आगे….. बाकिर लोक कवि के दायरा अब बढ़े लागल रहे. सरकारी, गैर-सरकारी कार्यक्रमन में त उनुकर दुकान चलिये निकलल रहे, चुनावी बयारो में उनुकर...

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लोक कवि अब गाते नहीं

(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) उपन्यास का बारे में “लोक कवि अब गाते नहीं” सिर्फ भोजपुरी भाषा, ओकरा गायकी, आ भोजपुरी समाज के गिरावट के कहानिये भर ना ह, बलुक लोक भावना आ भारतीय...

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