एगो प्रेम प्रलाप
– डॉ. कमल किशोर सिंह तनि सुनी एगो बात, नाहीं झूठ, कहीं सांच. रउआ बिना आपन जिनिगी पहाड़ लागेला. काटे धावे घर, नीक लागे ना बाहर, जगवा में सब कुछ बेकार लागेला. रतिया के बतिया सुनाई का संघतिया, दिनवो में हमरा अन्हार लागेला....
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