भोजपुरी पर सम्राट के एक्सप्रेशन
Samrat Choudhary on Bhojpuri Sammelan
– टीम अंजोरिया
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बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के एक्स डॉटकॉम पर एक्सप्रेशन डालल गइल बा –
सारण के अमनौर में 28वें अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के विशाल सभा को संबोधित किया। भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास के लिए एनडीए सरकार संकल्पित है।
भोजपुरी साहित्य के महाकुंभ के इस भव्य समागम में देश-विदेश के विद्वान, साहित्यकार और कला जगत के दिग्गजों का… pic.twitter.com/CCSkjraebG
— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) November 29, 2025

देख के आ पढ़ के बहुत खुशी मिलल. बाकिर सम्राट चौधरी के कथन में एगो विसंगति के चरचा कइल जरूरी बा.
अंगरेजी के एगो पुरान कहावत ह जवना के भोजपुरी अनुवाद दीहल जाव त कहल गइल बा कि सामने का ओर झूकल दीवाल पर चढ़ल आ पीछे का तरफ झूकल लइकी के चूमल बहुते मुश्किल होला. एही में जोड़ल जा सकेला कि केहू के बिना चहले ओकर सहायता ना कइल जा सके. सहायता तबे कइल जा सकेला जब ऊ चाहे!
त सम्राट चौधरी के कथन के विसंगति सोझा आ जाई. लिखले बाड़न कि एन डी ए सरकार भोजपुरी के विकास ला संकल्पित बिया. का सचहूं ?
हम ई बात माने ला तइयार नइखीं काहे कि पिछला 11 बरीस से केन्द्र में एनडीए के सरकार चल रहल बावे आ आजु ले अइसन कुछ काम देखे सुने के नइखे मिलल जवना से बुझाव कि सरकार भोजपुरी के विकास ला संकल्पित बिया. बरीसन से भोजपुरिया लोग आन्दोलन करत बा कि भोजपुरी भाषा के संविधान के अठवीं अनुसूची में शामिल कइल जाव. बाकिर आन्दोलन करे वाला लोग ई देखे खोजे के कोशिश कबो ना कइल कि आखिर कवन कमी बा भोजपुरी में जवना चलते एकरा के संवैधानिक मान्यता नइखे मिल पावत.
पहिलका आ सबले बड़का कमी बा भोजपुरी भाषी हिन्दी साहित्यकारन के जे एह राह में हमेशा बाधा बन के खड़ा हो जालें. दोसरका कमी बा भोजपुरी के विद्वानन, व्याकरणाचार्यन के जे आजु ले भोजपुरी भाषा के एगो सहज मानक तइयार ना कर पवलें. कहे खातिर त कह दीहल जाला कि देश के फलां फलां विश्वविद्यालय में भोजपुरी के पठन-पाठन होखेला. बाकिर आजु ले ओहिजो ई तय नइखे हो सकल कि भोजपुरी के मानक का मानल जाव. तीन कोस पर पानी बदले पाँच कोस पर बानी. विदेश छोड़ दीं त देशे के तीस गो जिलन के भोजपुरी इलाका मानल जाला. आ हर जिला में भोजपुरी के अलगे बानी मिल जाई. कहवां के भोजपुरी भोजपुरी मानल जाव ? आ जब ले ई तय नइखे हो पावत तब ले भोजपुरी के भाषा कइसे मान लीहल जाव. भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता के मांग करे वाला भोजपुरी संस्था, समिति, सम्मेलन पहिले खुद के कार्यक्रम भोजपुरी में चलावल त शुरु करे. आपन प्रेस नोट भोजपुरी में जारी करे आ ओकरा साथे ओकर हिन्दी आ अंगरेजी अनुवाद उल्था कर के टाँक दीहल करे. बाकिर केकरा अतना फुरसत बा एह भोजपुरी संस्थन, समितियन, आ सम्मेलनन में !
एह बारे में कई बेर भोजपुरी विद्वानन से हम निहोरा कर चुकल बानी. आ खोजब त कई गो पोस्ट मिल जाई अंजोरिया पर एह बारे में. अबहीं अमनौर में चल रहल भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के आयोजन समिति से हम निहोरा कइले रहीं कि हो सके त एह सम्मेलन में एक बेर एह विषय पर चरचा करावल जाव. बाकिर चरचा करावे के फुरसत केकरा लगे बा! सभे एही फिराक में रहेला कि कइसे हम सरकार से कवनो पद पा लींहीं, आपन गोटी लाल करा लीं. भोजपुरी जाए भाँड़ में. कहे खातिर तीस करोड़ भोजपुरिया बाड़न देश विदेश में बाकिर एह में से कतना लोग भोजपुरी पढ़ लेला? बोले वाला बतियावे वाला त मिलिये जालें लिखहूं वाला मिल जालें बाकिर पढ़े वाला ?
त सम्राट चौधरी जी, हो सके त डॉ संजय मयूख जी से कहीं कि ऊ एह दिशाईं कुछ करस.
बाकिर फेर उहे बात! सामने का तरफ झूकल दीवाल पर चढ़ल आ ….

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