उदय शंकर “प्रसाद” के कविता – बखारी, मजबूरी

(1) बखारी बास के चचरा गोल गोल मोडाईल ऊपर से खरई सरिया के बंधाईल माटी के लेप चचरा पे लेपाईल बखारी...

Read More