Tag: व्यंग्य

ई का हो रहल बा ?

– अशोक मिश्र एक बेर एह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन एगो फिल्म में गीत गवले रहले, ये क्या हो रहा है, भाई ये क्या हो रहा है? एकर जवाब मिलल रहे कि, कुछ नहीं…कुछ नहीं… बस प्यार हो रहा है. हम एह फिल्म के देखले नइखी...

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अउर ए बंद से महँगाई घटि गइल…हा..हा..हा..हा..

– प्रभाकर पाण्डेय “गोपालपुरिया” केतना खुशी के बाति बा कि काल्ह का बंद से महँगाई घटि गइल. हँ भाई! काँहें हँसतानि? घटल नइखे का? खैर हो सकेला रउरा खातिर ना घटल होखे पर एह बंद से हमार महँगाई त घटि गइल, मतलब हमरा त बहुते फायदा...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।