भउजी हो, तू सनातनी हिन्दू हऊ कि अरामी हिन्दू
भउजी हो ! का बबुआ ? तू सनातनी हिन्दू हऊ कि अरामी हिन्दू ? हम बूझनी ना ? का पूछल चाहत बानी ? इहे कि तू सनातनी हिन्दू हऊ कि अरामी हिन्दू ? सनातनी त बूझनी, बाकिर ई अरामी का होला ? हरामी कहल चाहत बानी का ? ना भउजी, गरियाइब काहें...
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