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पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से -1

(हमार पन्ना) [एक] ‘भ्रष्टाचार’ पर राजनीति आ लोकतंत्र के ‘लोकपाल’ सर्वव्यापी राजनीति के पहुँच आ पइसार हर जगह बा त हमनी के जीवन क जरूरी हिस्सा बनल भ्रष्टाचार भला काहें अछूता रही? राजनीति में भ्रष्टाचार आ भ्रष्टाचार पर राजनीति अब...

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भोजपुरी दिशा बोध के पत्रिका पाती के नयका अंक

पाती के नयका अंक बेहतरीन कागज पर बढ़िया सफाई का साथ प्रकाशित भइल बा. बाकिर कुछ तकनीकि गलती से एकर सूची वाला पन्ना के पीडीएफ पढ़ात नइखे. अह अंक में बावे नया लोकतंत्र के सपना (संपादकीय), लोकतंत्र में लोकभावना के बेमिसाल जीत (अन्ना...

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पाती के नयका अंक

भोजपुरी दिशाबोध के पत्रिका पाती के नयका अंक रउरा लोग का सेवा में पेश बा. भोजपुरी साहित्य के पत्रिका “पाती” के भोजपुरी जगत में आपन एगो अलगे सम्मानजनक जगहा बा. हर अंक में एक से बढ़ के एक पढ़े लायक सामग्री मिलेला. पाती...

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