पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से – 3
सामयिकी आधी आबादी के बदलत चेहरा – आस्था जिनिगी में, हार, असफलता आ पीछे छूटि गइल आम बात हऽ. सपना पूरा ना भइल त एकर मतलब ई ना हऽ कि सपना देखले छोड़ दिहल जाव. उमेद मुए के ना चाहीं. उमीद आ सपना जिया के राखल आ ओके पूरा करे...
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