भ्रष्टाचार से खुशहाली बढ़ेले
– जयंती पांडेय गुरू लस्टमानंद मार मईल कुर्ता धोती अपना बेग में से निकाल के बिगत रहले साफ करेके. अतने में राम चेला अइले. दंडवत क के पूछले, का हो बाबा कई दिन से ना लउकलऽ? कहां चल गइल रहलऽ? बाबा कहले, दिल्ली गइल रहीं. राम...
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