Tag: लस्टम पस्टम

दोसरा के सतावल भक्ति ना हऽ

– जयंती पांडेय ओह दिन जब भगतजी मुअले, तऽ सबलोग कहऽल – भगतजी स्वर्गवासी हो गइले. पर अब मालूम भइल कि भगतजी, स्वर्गवासी ना, नरकवासी भइले हंऽ. हम कहब तऽ केहू मानी ना, पर इहे सही हऽ कि उनका नरक में डाल दिहल गइल बा आ उन पर...

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बड़ा कठिन बा जमाना के संगे चलल

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमा नंद के दुअरा पर सबेरहीं पहुंचले रामचेला. बाबा मालगोरू के नादे पर बान्ह के जब फुरसताह भइले तऽ रामचेला के लगे आ के बइठले. रामचेला पूछले कि बाबा हो! ई जमाना के साथ कइसे चलल जाउ. लोगवा कहऽ ता कि...

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शिक्षा के गारंटी-जय हो! जय हो!!

– जयंती पांडेय रामनिहोरा. ऊ गांव -जवार के बड़ा पुरान नेता हवें. कौ हाली तऽ परधानी जीत भइल बाड़े. एक दिन भिनसहरे बाबा लस्टमानंद के दुअरा पर अइले. बाबा बैलन के सानी पानी दे के गोबर- गोथार करत रहले. नेताजी दूरे से पुकरले, का...

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स्वागत करीं महंगी के

– जयंती पाण्डेय महंगी के बढ़े में सरकार के कवनो दोष नइखे. महंगी के काम ह बढ़ल. अगर ऊ ना बढ़ी त केहु ओकरा ना चीन्ही, ना पूछी. सोसाइटी में रहे वाला हर बेकती आपन एगो पहचान राखेला. महंगी भी इहे रास्ता पर चलेले. महंगी लोगन के...

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शिक्षा के गारंटी जय हो! जय हो!!

राम निहोरा अपना गाँव जवार के बड़ा पुरान नेता हउवें. कौ हाली त परधानी जीत गइल बाड़े. एक दिन भिनसहरे बाबा लस्टमानंद का दुअरा पर अइले. बाबा तब बैलन के सानीपानी दे के गोबर गोथार करत रहले. नेताजी दूरे से पुकरले, का हो, का करऽतारऽ?...

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