Tag: लस्टम पस्टम

डेंगू से मिलल बकरी के इज्जत

– जयंती पांडेय दू दिन पहिले पत्रकार अजीत दूबे जी भेंटइले. बड़ा सज्जन आदमी. कहले, जानऽ जा बाबा लस्टमानंद कि पपीता के पतई के रस पियला से डेंगू जइसन बेमारी भाग जाला. बाबा अचरज में पड़ले. तले संगे खड़ा रामचेला कहले, अजीत बाबा...

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चांसो बाईचांस ना मिले

– जयंती पांडेय अचके रामचेला आ के कहले बाबा लस्टमानंद से कि हो बाबा जानऽ तारऽ ई मोदी सरकार जे बा नऽ से झूठहुं हाला मचवले बा कि महंगी कम हो गइल, लेकिन सांचो महंगी कम कहां भइल बा. जवन एक दूगो चीज के दाम घटल बा ऊ तऽ चांस हऽ...

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मेहरारून के बात बात हऽ आ दोसरा के …

– जयंती पांडेय रामचेला एगो कागज हाथ में ले ले रहले. ओहमें कुछ लिखल रहे. ऊ कागज के रामचेला बाबा लस्टमानंद के देखवले. बाबा कहले ई सर्वे हऽ एह में लिखल बा कि मेहरारू सब दिन में माने कि 12 घंटा में 5 घंटा खाली बतियावेली सन....

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एगो झाड़ू कई गो संभावना

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद मोदी के झाड़ू देवे वाला खबर पढ़ि के रामचेला से कहले, जवना झाड़ू से झड़ुआवे के रजमतिया के माई गारी दे ले तवने झाड़ू के अइसन फैशन आ जाई ई त केहु सोचलहीं ना रहे. ई झाड़ू के जबले घर के मेहरारू...

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नेताजी त ना सेंक पवले रोटी

– जयंती पांडेय अबहीं हाले में जवन चुनाव खतम भइल ओकरा खातिर नेताजी गांवे आइल रहले. गांव में लस्टमानंद समझवले – ‘नेता जी, हालत के चूल्हा पर राजनीति के रोटी मत सेंकऽ’. ऊ जिद करे लगले, ना हो हम त रोटी सेंकबे...

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