अगर आजु अरविन्द केजरीवाल गिरफ्तार ना भइलन त ….

नइखीं जानत कि अबहीं केे लेेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज का बा, बाकिर अतना त सभे जानत बा कि ईडी के टीम दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर चहुँप गइल बिया आ तलाशी चल रहल बा. तलाशी अरविन्द केजरीवाल के नइखे होत तलाशी घर में सुबूत खोजे खातिर हो रहल बा. काहें कि कहल गइल बा कि अपराधी कतनो शातिर होखेे कवनो ना कवनो सुबूत ओकरा सेे छूटियेे जाला जवना का सहारेे कानून ओकरा के अपना गिरफ्त में लेे लेेला.

पता ना, आ केहू बतावतो नइखे कि केजरीवाल आवास पर मौजूद बाड़न कि हेमन्त सोरेेन का तरह दिल्ली सेे राँची खातिर मोटरसाइकिल सेे निकल गइल बाड़न. बाकिर चूंकि इहो केहू नइखे बतावत कि केजरीवाल ओहिजा बाड़न ना त ई मानिये लीहल ठीक रही कि ऊ मौजूद बाड़न आ आजु उनुकर एगो अउर भविष्यवाणी साच साबित होखे जा रहल बा. अबहीं लेे जेेकर-जेकर गिरफ्तारी के भविष्यवाणी कइलन अरविन्द सगरी जने आजु जेल में बाड़न आ महँग सेे महँग वकील कइला का बादो अदालतन से कवनो राहत नइखे मिलत ओह लोग केे. आ केजरीवाल एही चलते घबड़ाइल बाड़न कि अगर गिरफ्तारी हो गइल त उनुको जमानत मिलल दूभर रही.

बहुते लोग साँस रोक के देखत बा कि का होखे जा रहल बा केजरीवाल के. पहिला का जमाना में बड़-बूढ़ बतावल करसु कि अगर साँप मरीहऽ त ओकर आँख कूंचल मत भुलइहऽ ! आजु का जमाना में त अइसन कइल वन्यजीव संरक्षण कानून का परिधि में आ जाई आ साँप का आँख में राउर फोटो दर्ज हो जाव भा ना, कानून का आँख में राउर फोटो आ गइल तय बा. से अगर आजु जे कहीं केजरीवाल केे गिरफ्तारी ना भइल त एकरा केे मिस्टेक ना बलण्डर कहे के पड़ी. काहें कि ओकरा बाद केजरीवाल के सम्हारल बहुतेे मुश्किल हो जाई.

एही तरह बड़-बूढ़ इहो सलाह देबेेलेें कि भुलाइओ के अपना दुश्मन के कोना मेें ना घेरल जाव आ ओकरा चेहरा पर वार ना कइल जाव जबले ठान ना लिहले होखीं कि अबकी दुश्मन के गरदन उतार लेेबेे के बा ! ना त कोना में घेराइल आ चेहरा पर वार झेलेे वाला दुश्मन तब पूरा ताकत रउरा खिलाफ झोंक दी. अबहीं त इण्डी गिरोहो साँस रोकलेे पड़ल बाड़ें बाकिर जे कहीं आजु केजरीवाल गिरफ्तार ना भइल त …..

सवाल बहुते बड़हन बा. जवाब खोजल अकेले हमरा वश के नइखे.

अपडेेट –

हिन्दुस्तान मेें एगो नया इतिहास बन गइल आ दिल्ली के मुख्यमत्री अरविन्द केजरीवाल केे गिरफ्तार कर लीहल गइल.

देखल जाव कि सुप्रीम कोर्ट चहुँपल आम आदमी पार्टी केे देश के सुप्रीम कोर्ट सेे कवनो राहत मिलत बा कि ना. कम सेे कम हमरा त कवनो अचरज ना होखी अगर सु्प्रीम कोर्ट एह मामिला मेें केेजरीवाल के राहत दे देव. आजु न्यायपालिको देश के कसौटी पर आ जाई. अगर राहत ना मिलल त विपक्ष गरिआई आ अगर जे कहीं राहत मिल गइल त मोदी भक्त गरियइहें. गजब मुसीबत में आ गइल न्यायपालिका – उगिलत आन्हर घोंटत आन्हर !

अब इहो सुने मेें आ रहल बा कि सुप्रीम कोर्ट केे रजिस्ट्रार के कहना बा कि उनुका सेे अबहीं ले केहू संपर्के नइखे कइले !

लोचा कहाँ बा दया ?

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