मान लीं कि कवनो चोर रउरा घर में चोरी कर लेत बा. एकर प्रमाण रउरा मिल जात बा सीसीटीवी से. बाकिर जब पुलिस ओकरा के गिरफ्तार करे चहुँपत बिया त चोर कहत बा कि जबले हमरा घर में चोरी वाला रुपिया नइखे मिलत तबले रउरा हमरा के गिरफ्तार ना कर सकीं. दोसरे हमरा अगिला चुनावो लड़े के बा. हमरा के हमरा लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित ना कइल जा सके.
का कहब रउरा एह सफाई पर ?
आ.आ.पा. के इहे दावा बा कि ओकरा कवनो नेता का घर से शराब घोटाला वाला रुपिया के बरामदी नइखे भइल एहसे एह बारे में हो रहल सगरी कार्रवाई असंगत बा. दोसरे ओकरा अगिला लोकसभा चुनावो लड़े के बा आ चुनाव का दौरान सभका बराबरी के मौका मिलो ई जरुरी बावे.
गनीमत अतने बा कि अबहीं ले ओकर कवनो प्रतिनिधिमण्डल चुनाव आयोग का लगे नइखे चहुँपल कि चुनाव का दौरान कुल पड़ल वोट के हर उम्मीदवार का बीच बराबर बाँटल जाव ! आ अगर अइसनका कइल संभव ना होखे त अल्पसंख्यकन के अधिकारन के रक्षा करत सबले कम वोट पावे वाला के विजयी घोषित कइल जाव.
रउरा कहब कि का वाहियात तर्क दे रहल बानी हम ! मानत बानी बाकिर इहे बात केहू आ.आ.पा. वालन से काहें नइखे कहत ? मान लेत बानी कि मीडिया के एगो बड़हन वर्ग आ.आ.पा. के दीहल नमक रोटी खइले बा आ ओकरा अपना नमक के प्रतिदान करे के बा. बाकिर बाकी लोग काहे चुप्पी सधले बा ? आ अदालत काहे नइखे साफ बतियावत ? अदालत के आदेश लिखे में समय लागत बा.
केजरीवाल के चाल आ अदालत के फैसला का बारे में कवनो अनुमान ना लगावल जा सके ! एहसे काल्हु ले तिकवे पड़ी कि अदालत के फैसला का आवत बा केजरीवाल के जमानत के अर्जी पर.
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