दू लाख क भीड़. ओहमें हजारन क तादाद में महिला आ उनका बीचे बइठल सोहर गावत मशहूर लोकगायिका मालिनी अवस्थी. अद्भुत दृश्य रहे जवन मालिनी का गीतन का साथे थिरकत, झूमत भीड़ का चलते जीवन्त हो उठल रहे. मौका रहुवे बिहार के मशहूर विक्रमशिला महोत्सव के, जवना में आयोजक लोग मालिनी अवस्थी के अंगवस्त्र, यक्षिणि के मूर्ति अउर सम्मान पत्र देके सम्मानितो कइल.
नवरात्र का पावन अवसर पर आयोजित एह साँझ के आरम्भ मालिनी ‘सर्व मंगल मांगल्ये’ से कइली. भीड़ अतना उत्साहित रहे कि उनका आवते अपना-अपना पसंदीदा गीतन के फरमाइश शुरू कर दिहल. मालिनीओ केहू के निराश ना कइली. ऊ तान छेड़ली, ‘निमिया के डारि मईया, सुनि ल अरजिया हमार देवी मईया’ त विशाल पंडाल करतलध्वनि से गूंज उठल. गीत का बीचे बीच मालिनी ओकर व्याख्यो जवना तरह करत रहली ओकरे के ओहिजा खूबे सराहल गइल.
मालिनी कहली कि, लोकगीत स्त्री कंठ के धरोहर हऽ आ समूह में गाये जाये वाला गीतने का चलते आजु ले जिन्दा बा, आ रही. मालिनी ने एक के बाद एक गीतन के झड़ी लगा दिहली. सोहर तो खूब पसंद भइबे कइल, झूमर, बन्नी अउर चौमासो के श्रोता ओहि तरह प्रशंसा कइलें.
सम्मान ग्रहण कइला क बाद मालिनी कहली कि ई भोजपुरियन के प्यारे हऽ जे उनका के एहिजा जल्दी जल्दी तीन बेर बोला लिहलसि. ओकरा बाद भीड़ जब एक आवाज में उनका के फेर अगिला सावन में बाबा धाम के कांवर यात्रा करे के नेवता दिहलसि त कृतज्ञ आ भावुक ओकरा के सकार लिहली.
स्रोत : प्रशान्त निशान्त
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