– रामरक्षा मिश्र विमल
लहरे तिरंगा सजि धजि पूरा देशवा में
पसरेले अङना दुअरिया अँजोरिया
हरियर धरती चंदनिया पियर बीचे
गह गह सगरी बधरिया अँजोरिया.
असहीं आजाद हिंदुस्तान रहे जुग-जुग
सगरी जहान फइलावे के अँजोरिया.
आन बान शान भजपुरिहन के राखे खातिर
एके गोड़े खाड़ दिन रात बा अँजोरिया.
कतहीं अन्हार के निशान नाहीं बाँचि पावे
बाटे शुभकामना आबाद हो अँजोरिया.
कतहीं अन्हार के निशान नाहीं बाँचि पावे
बाटे शुभकामना आबाद हो अँजोरिया
sunder rachana la bhadhai
saduvad
santosh patel
धन्यवाद भाई.
-विमल