एकरा पहिले कि रउरा आगे पढीं साफ क दीहल जरुरी बा कि ई उलटबाँसि ह, एकरा के सीरियसली लिहला के जरुरत नइखे.
देश के सिकूलर, लिबरल, पत्तलकार, विपक्ष सभे एह बाति के मानी कि संघ के योजना बहुते दूर से निशाना साधेला. जवन संगठन एक दिन में पूरा देश में गणेश जी के मूर्तियन के दूध पिए वाला बनादेखा सकेला ऊ आपन मकसद साधेला कवनो हद ले जा सकेला. सभे मानेला कि अपना शुरुआती दिने से संघ भारत के हिन्दू राष्ट्र बनावे के योजना ले के काम करत बावे. उ त धन्न मानीं कि जबाहर लाल आ मोहनदास गाँधी के कि मजहब का आधार पर देश के बँटवारा भइला का बादो मुसलमानन के एहिजा रहे, फरे-फुलाए के मौका दिहल गइल. आ मुसलमानो जम के फरलें फुलइलें एह देश में. पिछलका पीएम मनमोहन सिंह त इहाँ ले मानत रहलें कि एह देश पर पहिला हक मुसलमानने के होला.
बाकिर संघ एह बाति के कबो ना मनलसि. आ एह तरहे ना त ओ तरहे देश से मुसलमानन के हटावे के आपन चाल चलत आइल बावे. गाँधी-नेहरु पूरा कोशिश कइलें आ अइसन खाका बनवलें कि एह देश में कबहियों हिन्दू चैन से ना रह पावे. देश के इलिहास एह तरह से लिखल-लिखावल गइल कि मुगल शासन के देश के सुनहुला काल कहाइल, अकबर जइसन विदेशी शासक के दि ग्रेट कहल गइल आ आजादी ला लड़े वाला महाराणा प्रताप के हैसियत एगो बागी से अधिका के ना बने दीहल गइल. हिन्दूवन पर रोक लगा दीहल गइल कि उ लोग स्कूल-कॉलेज में गीता, वेद, पुराण ना पढ़ा सके बाकिर मुसलमानन के मदरसा में कुरान जरुर पढ़ावल जाई. देश के हिन्दूवन के मंदिरन पर सरकार के कब्जा रही आ ओकरा मिले वाला दान के इस्तेमाल सरकार गैर हिन्दू मजहबन के बढ़ावे ला इस्तेमाल कइल जाई. कांग्रेसी राज में ई व्यवस्था अतना पोढ़ बनावल गइल कि सात बरीस से सरकार पर काबिज भइला का बादो भाजपा एह व्यवस्था के आजु ले ना बदल सकत. ऊ त कुछ कमी रह गइल रहे जे धारा 370 आ 35 ए के बहुते आराम से हटा दीहल गइल बाकिर भाजपा सरकार के बेंवत नइखे कि ऊ धारा 30ए के हटवा सके.
एह सभ का बावजूद संघ हार माने वाला नइखे. ओकरा मालूम बा कि मुसलमान अपना मजहब के कवनो बाति से उपर राखेला आ ओकरा के मजहब का नान पर साधल जा सकेला. अपना एही मकसद पुरावे खातिर मोदी अपना दोस्त जिनपिंग का साथे मिल के देश दुनिया में कोरोना पसरवा दिहलें. सभे देख सकेला कि एह वायरस के मार से पूरा दुनिया के ईसाई आ मुसलमानन के जान जा रहल बा. कोरोना से मरे वालन में बहुते अधिका मुसलमाने आ ईसाई बाड़ें. बहुते कम हिन्दू कोरोना के शिकार बनल बाड़ें.
सरकार के मालूम रहुवे कि तबलीगी जमात के मुलाकात हमेशा चलत रहेला. देश के हर मरकज में रोजे मुसमानन के भीड़ जुटेले. ओकरा इहो मालूम रहुवे कि कुछ विदेशी मुसलमान इमाम मुफ्ती कोरोना के शिकार बाड़ें. एकरा बावजूद पासपोर्ट वीसा ले के हिन्दुस्तान आवे वाला एह विदेशी मुसलमानन के हवाई अड्डा पर ना रोकल गइल आ ओह लोग के आराम से पूरा हिन्दुस्तान के मस्जिदन में आजादी से जाए के मौका दीहल गइल. प्रशासन बहुते आराम से अपना चाल में ओह लोग के फँसा दिहलसि. अपना मजहब का आगा मुसलमानन कवनो खतरा बीमारी के भाव ना देव. ऊ त अपना मकसद ला फिदायिन ले बने ला तइयार रहेला. बेचारा सोझबउक मुसलमानन एह संघी चाल के ना समुझ पवलें आ शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा, पर लोभ से उसमें फँसना नहीं वाला सीख याद रखला का बावजूद मुसमानन एह जाल में फँसत चलि गइल.
मोदी सरकार अतना सावधानी जरुर रखलसि कि हिन्दुवन के एह कोरोना से बचा लीहल जाव. एकरा खातिर ऊ जनता कर्फ्यू के एलान कइलसि आ ल़ॉकडाउन ले लगा दिहलसि. बाकिर छिटपुट जगहा छोड़ के कवनो जगहा मुसलमानन के मस्जिदन में जुट के नमाज पढ़े से रोके कड़ाई ना कइल गइल. आ अब मुसलमानन का बीच कोरोना बढ़िया से जड़ जमा लिहले बावे. अब ई बेमारी बड़हन पैमाना पर मुसलमानन के अपना जकड़ में ले के मार डाली आ सोझबक मुसलमान एह संघी चाल के ना समुझ के अपना मजहब का नाम पर जान देत रहीहें.
अगर सरकार ईमानदार बिया त उ बतावे कि कोरोना से मरे वाला लोगन में कतना हिन्दू बाड़ें, कतना मुसलमान. कतना हिन्दू आ कतना मुसलमान के कोरोना अपना कोरा में ले लिहले बावे. बाकिर सभे इहो मानी कि सरकार कबो ई आंकड़ा ना जारी करी. कही कि बीमारी आ आतंकवाद के कवनो धरम मजबह ना होला आ ऊ केहू के ध सकेला. एहसे मजबही आधार पर कोरोना के आंकड़ा ना जारी कइल जा सके.
त ई उलटबाँसि कइसन लागल, बतावल मत भुलाएब.
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