आन्हर कुकुर बतासे भूंके

– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

JaishankarDwivedi

टीभी के परिचरिचा देखs
अस लागे, गोंइठा घी सोखे।
आन्हर कुकुर बतासे भूंके।।

मिलत जुलत सभही गरियावत
पगुरी करत सभे भरमावत
पुतरी नचावत मुँह बिरावत
एहनिन के अब मुँह के रोके।
आन्हर कुकुर बतासे भूंके।।

छऊँक लगावत खबर बनावत
दिन में सई सई बार चलावत
इत उत तिकई बेसुरा गावत
भरसइयों में मरिचा झोंके।
आन्हर कुकुर बतासे भूंके।।

खोजत हेरत मतलब ताड़त
कहाँ भुलाइल आपन भारत
खोदत गड़हा आग लगावत
आपन भावे परिभाषा ओके।
आन्हर कुकुर बतासे भूंके।।

झांझर चलल पवन मनभावन
लहक मिले सुधियन के सावन
सगरों दाग लगल करिखा के
अस लागे घनचक्कर रोके।
आन्हर कुकुर बतासे भूंके।।

0 Comments

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।