– ओेमप्रकाश अमृतांशु
शंख नाद गरजन सुनावऽ, मिलके जोर लगावऽ
आवऽ दियावा जरावऽ, भोजपुरी के भईया .
ओका-बोका तिन तड़ोका, घुघुआ के हई माना
तार काटो-तरकुल काटो, ढ़ेरन खेल-खजाना,
चुट्टा-चुट्टी, बुढ़िया कब्ड्डी, से नेहिया लगावऽ
आवऽ दियावा जरावऽ, भोजपुरी के भईया .
अद्भूत कला के रूप, कोहबर-पिड़ियां के लेखनवा,
मारि मूसर के मार बहिनी, कूटेली गोधनवा,
धरती के आँचरा पे आपन, चउका पुरावऽ .
आवऽ दियावा जरावऽ, भोजपुरी के भईया
हरदी मटकोड़, विआह-तिलक, समधी-समधिन के गारी,
ईमली घोटावस मामा, खांेस के पछूआ भारी,
लोक रंग में डूबल सोहर, फागुन- चइत कढ़ावऽ .
आवऽ दियावा जरावऽ, भोजपुरी के भईया .
हई खांटी भोजपुरिया, से ना केहु आंटल आंटी
वीर कुअँर, राजेन्दर, मंगल के हउए माटी
जय भिखारी, रघुवीर, महेन्दर, बालेेश्वर जयकारऽ .
आवऽ दियावा जरावऽ, भोजपुरी के भईया .
संस्कृति के सुनर बगिया, हूनर से बा भरल
तीज-जिउतिया, बहुरा, करमा-धरमा के परब
छठि माई के दउरावा, माथावा चढ़ावऽ
आवऽ दियावा जरावऽ , भोजपुरी के भईया .
हाथ बढ़ावऽ, जान लड़ावऽ, भाव से भाव मिलावऽ
भोजपुरी के झंड़ा , मंगल चान पे फहरावऽ
ऊचरि- ऊचरि बोेलेला कागा, नीनिया दूर भगावऽ
आवऽ दियावा जरावऽ भोजपुरी के भईया….
भोजपुरी के दिया ना बूझे वाला बा, ना बूझााई, असों के दिया भोजपुरिये में जरावल जाई.
दिवाली के दिया भोजपुरी में जरी का
वाह! बहुत निक। बहुत अच्छा। बहुत बहुत बधाई।
बहुत नीमन रचना भाई ।
बधाई ।