देश में एह घरी तरह तरह के मॉडल के चरचा बा. कुछ बरीसन पुरान त कुछ हाल फिलहाल के. मॉडल त सकारात्मको हो सकेला आ नकारात्मको. मॉडल माने तरीका. बाकिर असली मॉडल सही तरीके के माने के चाहीं. ना त देश में नेहरू मॉडल, केजरी मॉडल, राहुल मॉडल, ममता मॉडल, चारा चोरी मॉडल वगैरह बहुते मॉडलन के चरचा करे के पड़ जाई.
गुजरात मॉडल तब से चरचा में आइल जब गोधरा में कारसेवकन के जघन्य हत्या का बाद उपजल आक्रोश गुजरात के मॉडल बना दिहलसि शठे शाठ्यम समाचरेत के. जो तोके कांंटा बुवे ताहि बोव तू भाला वाला मॉडल. बाकिर हम ओकरो चरचा ना करब. गुजरात मॉडल गोधरा के प्रतिहिंसा के ना हो के विनाशकारी भूकम्प का बाद कइसे पुनर्निर्माण कइल जा सकेला ओकरा के कहल जाला. आ कहाहूं के चाहीं.
गुजरात मॉडल का बादे मोदी के देश जानल. आ जब साल 2014 में ऊ स्थापित मठाधीशन के चुनौती देत ओहनी के मरजी का खिलाफ भाजपा के पीएम चेहरा बनावल ना गइलें, बन गइलें त एकरो के गुजरात मॉडल मान लेबे के चाहीं. गुलाब का साथ कांटो रहेला एकर मतलब ई कतई ना होखे कि काँटे से गुलाब बनेला. होला ई कि गुलाब के बचावे खातिर प्रकृति ओकरा अगल बगल काँटन के सुरक्षा घेरा बना देले. मोदिओ के सुरक्षा घेरा बनावे के जरुरत रहल आ एह काम ला अमित शाह से बेसी बेंवतगर दोसर केहू ना हो सकत रहुवे. से अमित शाह मोदी के संकट मोचक बन गइलन आ अपना सांगठनिक क्षमता का ताकत से भाजपा के नंबर दू के हैसियत हासिल कर लिहलन.
एकरा बाद आइल यूपी के बारी. यूपी अपना माफियागिरी का चलते जानल जात रहुवे. आजादी का बादे से देश के राजनीतिक धुरी बन गइल यूपी के दुर्भाग्य रहल कि एकरा के कबो ताकतवर ना बने दीहल गइल. शुरुए से अइसन परंपरा बन गइल कि एक बेर जे मुख्यमंत्री बनल ओकरा दुबारा बने के मौका ना मिलल. हँ बीच में दोसर मुख्यमंत्री बनला का बाद वापसी के उदाहरण जरुर बा. बाकिर योगी आदित्यनाथ पहिलका अइसन मुख्यमंत्री हो गइलन जे मुख्यमंत्री रहते दुबारा बहुमत हासिल कर के मुख्यमंत्री बन गइलन. मुख्यमंत्री रहते अपना गोल के बहुमत से जितवावे वाला उदाहरणो बा बाकिर शायद ओकर इहे क्षमता ओकरा के नुकसान चहुँपा दीहलसि. परंपरा भा मिथक त इहो बन गइल रहुवे कि जवन मुख्यमंत्री नोएडा गइलन उनकर या त जान चल गइल भा कुरसी. एह मिथक का चलते नोएडा के कवनो शिलान्यास भा उद्घाटन लखनऊवे से होखे लागल. एह मिथक के मथ के राख दिहलन योगी आदित्यनाथ जे एक बेर ना कई बेर नोएडा के यात्रा कइलन आ हर बेर पहिले से बरियार होत गइलन.
हिन्दू मिथक में इहो शामिल बा कि जबे कवनो योगी भा ऋषि तप तपस्या में लागल तबे देवतन के राजा इन्द्र के कंपकंपी छूटे लागे. उनुका बुझाव जे ई आदमी ओकरे के कुरसी से हटावे ला अतना जप-तप-ध्यान करे में लागल बा. आ एकरा बाद इन्द्रदेव येन केन प्रकारेण ओकर जप-तप-ध्यान तूड़वा देबे में लाग जासु. इहे बेमारी देश के कई गो प्रधानमंत्रियनो के धरत रहले बा. इन्दिरा गाँधी का बारे में उनुके बनावल एगो मुख्यमंत्री बतवले रहलन कि इंदिरा जी जबे कवनो पौधा लगावेली त ओकरा के रोज उखाड़ के देखत रहेली कि कतना जड़ पसरले बा. जहिये लागल कि ओकर जड़ जमे लागल बा त तुरते ओकरा के उखाड़ फेंक ओकरा जगहा दोसर पौधा रोप देत रहली.
देश में अबहीं तक ले के सबले सशक्त आ लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदियो एह बेमारी से मुक्त ना लउकस. सचाई भलहीं एकरा उलट होखे बाकिर वसुन्धरा, देवेन्द्र, शिवराज जइसन उदाहरण दीहल जा सकेला. अलग बाति बा कि एकरा के साबित ना कइल जा सके. कहे वाला त इहो कहे लागल बाड़न कि ई सगरी उठा-पटक अमित शाह के चलते हो रहल बा जे ना चाहसु कि भाजपा में कवनो अइसन शक्तिपुंज बन जाव जे आगा चलि के उनुका राह के बाधा बन जाव. कैबिनेट में शाह भलहीं तिसरका जगहा पर बाड़न बाकिर दोसरका जगहा पर बइठल राजनाथ सिंह से उनुका कवनो खतरा ना बुझाव.
अब यूपी में जब योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनावल गइल त हो सकेला कि एक जमाना में जब गूंगी गुड़िया के देश के प्रधानमंत्री बनावे वाला बेवकूफी हो गइल संगठन के मठाधीशन से. योगी दोसरा का ताकत का भरोसे ना रहि के आपने ताकत का बलबूते राजनीति में मौजूद बाड़न. जब से उनुका के मुख्यमंत्री बनावल गइल तबहियें से उनुका खिलाफ साजिश शुरु हो गइल. अलग बाति बा कि एह साजिश का बावजूद योगी 2022 में दुबारा जीत के मुख्यमंत्री बन गइलन बाकिर खामियाजा भुगते के पड़ गइल 2024 का लोकसभा चुनाव में भाजपा के. भाजपा 400 के पार हो जाइत एकरा में इचिको सन्देह ना रहे के चाहत रहुवे बाकिर एही बीच योगी के हटावे के कोशिश शुरु हो गइल आ हवा बनावे जाए लागल कि चुनाव का बाद योगी के हटा दीहल जाई. परिणाम सभका सोझा आ गइल. चार सौ पार त दूर के कौड़ी रहि गइल एहिजा त बहुमतो के लाला पड़ गइल आ नायडू नीतीश का भरोसे मोदी तिसरका बेर पीएम बन गइलन. बाकिर राजनीति में फोकट में कुछऊ ना मिले. जवने मिलेला ओकरा दाम देर सबेर चुकावहीं के पड़ेला. भाजपो चुकइबो करी अगर अबहियों ऊ अपना आदत में सुधार ना कइलसि त. सभकर साथ लेबे के चक्कर में हो सकेला कि ओकरा केहू के साथ ना मिले.
देश में कानून व्यवस्था के राज बनावे में योगी मॉडल के कवनो जोड़ नइखे मिले वाला. मिलबो कइसे करी जबले सरकार अइसनका आदमी का हाथ में ना आई जेकरा आगे नाथ ना पाछे पगहा होखे. बिना पाकिट के कुरता वाला मोदी आ योगी के ताकत इहे बा.
अब हालात के फेर अइसन हो गइल कि योगी सगरी साजिश का बीच से सही सलामत बाहर निकल अइलन आ अउरी बेंवतगर हो गइल बाड़न. एकरे परिणाम में सामने आ गइल बलिया मॉडल. रउरा जवने लागत होखे बाकिर हमरा त इहे लागेला कि जहिया एह देश के न्यायपालिका से भठियरपन खतम हो जाई आ पुलिस ईमानदार बन जाई तहिये एह देश के हालात में कवनो स्थायी सुधार देखे के मिल पाई. न्यायपालिका के बाप के राज बना लिहले न्यायाधीशन का कुरसी का ठीक नीचे जवन भठियरपन होखत रहेला ई माने के कवनो कारण नइखे कि न्यायाधीशन के – हम न्यायमूर्तियन के बात नइखीं करत – अपना अदालत में हो रहल एह कुकरमन के जानकारी ना रहत होखी. पुलिसो व्यवस्था में भठियरपन के जड़ अइसन बरियार बा कि ओहिजा ईमानदार के गुजारे ना हो पाई. नीचे से ऊपर ले जब ले खेवा खरचा बहत रही तबले कवनो सुधान नइखे होखे वाला. कई बेर जब एह बहाव में बाधा लउकेला भा ऊपर वाला के लागेला कि नीचे से बहाव सही नइखे आवत त नीचे वालन पर कार्रवाई हो जाला. आ एही कार्रवाई के कहल जाला बलिया मॉडल. यूपी के बलिया जिला के सिवान पर जहाँ बिहार से आवे वाला हर वाहन से वसूली ओही तरह होला जइसे कवनो कवनो दोसरा अन्तरराज्यीय सीमा पर होखेला. बाकिर छापा पड़ल बलिया के थाना पर. खुद डीआईजी आ डीजीपी छापा मारे उतर अइलें आ सगरी राज खुल गइल कि कतना वसूली होखेला. अब ओकर सही हिसाब किताब करवाईए के मामिला सलटे वाला बा. हम ई माने ला तइयार होईये ना सकीं कि पुलिस के बड़का अधिकारियन के एह तरह के वसूली के जानकारी ना होखे.
बलिया मॉडल के परिणति में इहे होखे वाला कि घूस लेत धरा गइलन त घूस दे के छूट जइहें. बस साल छह महीना इन्तजार कर लीं.
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