चार हाथ के दूरी आ मास्क बा जरुरी
कोरोना प्रोटोकॉल के पालन करत देश के नेतागण

केन्द्र सरकार साफ कह दिहलसि कि जम्मू कश्मीर के राज्य के दरजो दीहल जाई आ ओहिजा मतदानो करावल जाई बाकिर ओकरा पहिले परिसीमन के काम पूरा करावे के बा. मतदान तब करावल जाई जब ओहिजा के लोग तैयार हो जाई आ माहौल ओकरा लायक बन जाई.
जम्मू कश्मीर के भावी का बारे में बतियावे खातिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बोलावल बइठक में अनुच्छेद 370 आ 35 ए का बारे में कवनो बाते ना भइल. साढ़े तीन घंटा चलल एब बइठक का बाद बइठक में शामिल लोग के तरह तरह के बयान सामने आइल बा. अब्दुल्ला बाप बेटा के कहना बा कि परिसीमन के जरुरत का बा. ओह लोग के लागत बा कि परिसीमन का बाद जम्मू इलाका के लोगन से बेइमानी कइल आसान ना रहि जाई. पिछला बेर त कम आबादी वाला कश्मीर के अतना विधायक रहत रहलें कि जम्मू प्रभाग के बहुमत बनल सपना रहत रहुवे.
महबूबा कहली कि कश्मीर का बारे में पाकिस्तानो एगो फरीक बा आ ओकरो से बात शुरू होखे के चाहीं.
कांग्रेसी नेता आ जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुकल गुलाम नबी आजाद कहलन कि ऊ पाँच गो माँग कइले. जवना में पूर्ण राज्य के दर्जा, विधानसभा चुनाव, कश्मीरी पंडितन के पुनर्वास, राजनीतिक बंदियन के रिहाई, अउर प्रवासन नियमन में बदलाव शामिल बा.
बइठक में गुलाम नबी आजाद, फारूख अब्दुल्ला, उमर फारूख, महबूबा मुफ्ती, रवीन्द्र रैना, निर्मल सिंह, चमनलाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आ प्रदेश के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल भइलें.
कश्मीरी पंडित नाराज बाड़ें कि ओह लोग के कवनो प्रतिनिधि के ना बोलावल गइल रहुवे. जम्मू प्रभाग के लोग के अनेसा बा कि कश्मीरी मोह में फेरु ओकरा साथे अन्याय मत हो जाय.

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