अभिनेता ध्रुव वर्मा एक बार फिर से अपनी अगली को लेकर चर्चा में आ गए हैं. जल्द ही उन्हें फिल्म ‘द गुड महाराजा’ में देखा जाने वाला है. इस फिल्म की रिलीज डेट भी सामने आ चुकी है. इसे अगले साल क्रिसमस से पहले 17 दिसंबर को रिलीज किया जाने वाला है. इस बात की जानकारी खुद फिल्म के निर्माता हितेश देसाई ने दी.
ध्रुव वर्मा को दी जा रही है मोटी फीस
हितेश ने बताया कि अभिनेता ध्रुव वर्मा को मुख्य भूमिका के लिए 12 करोड़ रुपये की बड़ी रकम के साथ साइन किया गया है. फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध पर आधारित है. बता दें कि ध्रुव को इससे पहले फिल्म ‘नो मीन्स नो’ में देखा गया था. इस फिल्म में उन्हें जबरदस्त एक्शन सीन्स दिए हैं और उसके लिए विश्व भर में ‘भारतीय जेम्स बॉन्ड’ के नाम से प्रसिद्ध हैं. अभिनेता ध्रुव ने अपनी फीस का एक बड़ा हिस्सा कोविड-19 के इलाज केंद्रों और वृद्धाश्रमों को बेहतर बनाने के लिए दान करने का संकल्प लिया है. ध्रुव का कहना है, “यह एक गंभीर वास्तविकता है और मेरे साथी देशवासियों का स्वास्थ्य पैसे से अधिक महत्वपूर्ण है.”
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म
हितेश देसाई ने बताया कि फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध के इर्द-गिर्द घूमती है. नवा नगर के शेर-दिल भारतीय महाराजा (अब गुजरात में जामनगर के नाम से मशहूर) दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जी जडेजा (उपनाम जाम साहब) युद्ध के समय लगभग 1000 पोलिश बच्चों के लिए एक पिता की तरह थे और उन्हें आश्रय दिया था, उनके बारे में सच्ची कहानी पर आधारित यह दूसरा इंडो-पोलिश सह-प्रोडक्शन प्रयास है.
ध्रुव हुए आभारी
फिल्म के बारे में बात करते हुए ध्रुव ने बताया, “मैं आभारी हूं कि निर्माता और निर्देशक ने एक बार फिर मुझ पर अपना विश्वास दोहराया है. यह भूमिका मेरी पहली फिल्म से अलग है.” उन्होंने बताया कि उन्होंने स्क्रिप्ट को कई बार पढ़ा, “जब सितंबर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ, तो पोलैंड पर जर्मनों और फिर रूसियों ने हमला किया था. यह फिल्म की टाइमलाइन का हिस्सा है.”
ध्रुव को करना पड़ा ये एग्रीमेंट
उन्होंने बताया, “मुझे इस चरित्र के ग्राफ का पता है और मुझे अपने निर्देशक के दृष्टिकोण के अनुसार खुद को ढालना होगा. मैं अपने प्रशिक्षक-गुरु, हॉलीवुड के प्रसिद्ध स्टार स्टीवन सीगल के मार्गदर्शन में द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल की जाने वाली बंदूकों के साथ रूस में और ज़्यादा प्रशिक्षण लेना शुरू करूंगा.” जी7 फिल्म्स पोलैंड के कार्यकारी निर्माता हितेश देसाई के अनुसार, जब तक ‘द गुड महाराजा’ का फिल्मांकन पूरा नहीं हो जाता तब तक निर्माता ने ध्रुव को कोई भी अन्य फिल्म साइन न करने का अनुबंध किया है.
रूस के साथ जुड़ाव की याद दिलाती है कहानी
ध्रुव के बिजनेस मैनेजर आशीष तिवारी ने बताया, “भारतीय महाराजा ने पोलैंड के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए थे. उन बच्चों में से एक पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बन गया है. यह सहयोग मुझे दिग्गज फिल्म निर्माता और अभिनेता राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के साथ शुरु हुआ रूस के प्रति उनका प्यार और पोलैंड के साथ हमारे असाधारण विकाश वर्मा के शानदार जुड़ाव की याद दिलाता है.“ जी7 सिक्यूरिटास ग्रुप और जी7 फिल्म्स के अध्यक्ष निर्देशक विकाश वर्मा ने कहा, “सिनेमा हमारे समाज को आकार देता है और संस्कृति को भी उजागर करता है.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे यकीन है कि महाराजा दिग्विजय साहब के परिवार को कोई आपत्ति नहीं होगी.”
हालात सामान्य होने पर पूरी की जाएगी शूटिंग
प्रसिद्ध पोलिश फिल्म निर्देशक, और द पियानिस्ट के लिए ऑस्कर विजेता रोमन पोलांस्की को फिल्म के निर्देशन या मार्गदर्शन करने के लिए संपर्क किया जाएगा. वर्मा ने बताया, “वह अब 87 साल के हैं और होलोकॉस्ट के साक्षी के रूप में उनके अनुभव इस फिल्म को यथार्थता की एक अतिरिक्त परत प्रदान करेंगे.” उन्होंने कहा, “इस महामारी के संकट के कम होने और टीकाकरण के बाद हम इस फिल्म की शूटिंग पूरी करेंगे. उसके तुरंत बाद नवंबर में हम ‘नो मीन्स नो’ को रिलीज करेंगे
(- टीम रंजन)
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