भोजपुरी जिंदाबाद रहल, भोजपुरी जिंदाबाद रही


“हँसी, ठिठोली, बोली आ बेवहार गजब बा, भोली सूरत, रहन-सहन, तेवहार गजब बा” भोजपुरी के मूर्धन्य कवि अउऱ गायक संगीत सुभाष जी के एह पंक्तियन का साथे कार्यक्रम के समहुत भइल आ एकरा साथे-साथ शशि अनाड़ी, अजय प्रकाश तिवारी, अउर विनोद गिरी के गावल गानो के श्रोता लोग के भरपूर सराहना मिलल. मौका रहे अतवार 27-5-2018 का दिने आयोजित “जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया” भोजपुरी बोली अउर सँस्कारन के क्षरण से रोके में लागल संस्था के सहयोग से दिल्ली के बदरपुर के नजदीक मीठापुर में आयोजित “विशाल लोक संगीत सन्ध्या” के.

कार्यक्रम क शुरुआत भइल संगीत सुभाष जी के कविता से. एकरा बाद माटी से जुड़ल गायक शशि अनाड़ी जी क गावल गाना “भोजपुरी जिंदाबाद रहल, भोजपुरी जिंदाबाद रही” दर्शकन क खुब थपरी बटोरलसि, एगो नया जोश भर दिहलसि श्रोता लोग के अन्दर. अजय तिवारी के गावल गीत “अब का रंगइबु चूनरी भइली पुरान” दर्शक लोग के झूमे के मजबूर क दिहलसि. गायक लोग प्रेरित कइलन जनता के आपन बोली भोजपुरी में बोले-बतियावे खातिर. साथे-साथ संस्था के उपाध्यक्ष संगीत सुभाष जी सबसे निहोरा कइलन कि श्लील आ साफ गायकी के सुने बदे आ ओके प्रोत्साहित करे खातिर एह संस्था क मूल मंत्र ह “आपन माटी-आपन थाती” माने कि आपन माईभासा के बोलचाल में ब्यवहार में ले आ के अपना लोक संस्कृति के मरे से बचावल. एकरा खातिर ई संस्था जमीनी स्तर पर काम करे में लागल बिया. जनमानस में अपना बोली के प्रति भुलाइल आस्था के फेरु से वापस लियावे खातिर जी-जान से लागल बिया. माटी से जुड़ल कलाकार, कवि लोग साहित्यकारन के माध्यम से समाज मे भोजपुरी के प्रति लोगन के धारणा में परिवर्तन ले आवे खातिर प्रयासरत बिया. ई कार्यक्रम एहि मुहिम क एगो कड़ी रहे. दोसर गायक लोगो एक से बढके एक सुन्दर गीत गा के जनता के थपरी बजावे के मजबूर क दिहलन.

संस्था के अध्यक्ष सतीश कुमार त्रिपाठी क संयोजन में आयोजित एह लोक संगीत सन्ध्या में संजय कुमार ओझा, तारकेश्वर राय, लवकान्त सिंह, बिवेक पाण्डे, रामप्रकाश तिवारी, योग गुरु शशी, कलमकार लाल बिहारी लाल के अलावा बहुते लोगन के सानिध्य मिलल आ सभे एह सांझ के यादगार बनावे में आपन भरपुर सहयोग दीहल.


(तारकेश्वर राय के भेजल रपट)

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