चार दिन चलेवाला छठ महापर्व के तिसरका दिने सांझ बेरा नदी भा कवनो जलाशय में खड़ा हो के डूबत सुरुज के अरघ दीहल जाला। आज एह पर्व के ई सबले ख़ास आराधना के काम पूरा हो गइल।अब रात भर अउरी बरत करत छठबरती लोग काल्हु उगत सुरुज के दूध से अरघ दे के एह बरत के समापन करी।
सबेरे के अरघ 6 बज के 13 मिनट का बाद शुरू होखी।
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