भोजपुरी सिनेमा जगत में ई सबसे शर्म के बात सामने आल बा कि साल के खतम होखे से पहिलहीं साल के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अवार्ड दे दिहल गइल बा. आ ई अवार्ड मिलल बा भोजपुरी सिनेमा जगत के सुपरस्टार कहाए वाला अभिनेता रविकिशन के. एह बात के पुष्टि संजय भूषण पटियाला पाटलिपुत्र न्यूज के फेसबुक पेज पर कइले रहले. जवना के बाद में उ हटा दिहले. ओह पर कुछ लोग बधाई आ कुछ लोग एह अवार्ड पर अचरजो जतावल.
संजय भूषण पटियाला लिखले रहन कि साल 2014 के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अवार्ड मुम्बई में ‘आप की आवाज’ के जरिए आयोजित भइल भोजपुरी अवार्ड समारोह में फिलिम ‘योद्धा’ खातिर रविकिशन के दिहल गइल. लेकिन अवार्ड देबे वाला के ई पता होखे के चाहीं कि साल के सर्वश्रेष्ठ अवार्ड साल के अंत भइला के बाद दिहल जाला. अबहीं त एह साल भोजपुरी के कई एक बड़ फिलिम प्रदर्शित होखे वाला बा चाहे हाल में भइल बा जवना में नगीना, विजयपथ-एगो जंग, लाडला सहित केतना बड़ फिलिम के नाम शामिल बावे. त ई अवार्ड साल के खतम होखे के 2 महीना पहिलहीं कइसे मिल गइल?
एह से तऽ एगो बात साफ बा कि या त अवार्ड देबे में कवनो दोहरी नीति खेलल गइल बा. ना त अवार्डे गलत दिहल गइल बा, चाहे अवार्ड देबे वाला के अवार्ड देबे के लूर नइखे. कुछ अइसने लोगन के चलते आज भोजपुरी सिनेमा जगत के ई दुर्गती हो रहल बा. सभे चारो ओर मजाक बना रहल बा. एही लोगन के चलते अवार्ड के गरिमो खतम हो रहल बा. जवन कि भोजपुरी सिनेमा जगत खातिर घोर शर्म के बात बा.
अभिनेता आदित्य मोहन कहत बाड़न कि रविकिशन जी हमनी के आइडियल बानी. लेकिन साल के खतम होखे से पहिलहीं सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के जवन अवार्ड दिहल गइल बा. उ एकदम से गलत बा. एह से सगरी आज भोजपुरी सिनेमा कलाकारन के मिले वाला अवार्ड पर भी सवालिया निशान लाग गइल बा आ सगरी मजाक उड़ रहल बा.
(संकेत कुमार)
प्रिय संकेत जी,
अगर रउरा अवार्ड वाला बात प अचरज बा त एकर मतलब हम इहे निकालब कि रउरा बहुते सीधा सपाट सोचीले. भोजपुरी सिनेमा से जुड़ल अवार्डन के कवनो मोल ना होखे. तू हमार पीठ सुघरा द हम तोहार सुघरा देब. तू हमरा कार्यक्रम में आ जा हम तोहरा के पारिश्रमिक ना देब त अवार्ड त जरुरे दे देब. कुछ लोग के पारिश्रमिको मिल जाला आ अवार्ड लावाघुली में दे दिहल जाला.
सिनेमा रिलीज होखे से पहिले ओकर सुपरहिट के खबर आ जाला. एह सिनेमा हाल से उतर के ओह सिनेमा हाल में चढ़ावत सिल्वर जुबिली ले मना लिहल जाला भोजपुरी सिनेमा में. एह से भोजपुरी सिनेमा के कवनो खबर पर बहुते चिन्तित होखला भा अचरज में अइला के जरूरत ना होखे.
दोसरे भोजपुरी के जवन हाल बा तवना ला हमनिओ का दोसी बानी जा. एगो वेबसाइट रउरो चलाइले आ रउरो मालूम होखी कि भोजपुरी के पाठक का खोजेलें. उनुका बस कुछ रसगर मलपुआ चाहत होला आ जहवाँ मिल जाव तहँवे माछी लेखा भिनभिनात चहुँप जाला लोग. रखले रहीं रउरा आपन भोजपुरी!
भोजपुरी में वेबसाइट खोज के देख लीं, पता चल जाई कि कतना बा आ कवना हालत में बा. भोजपुरी में लिखे वाला साइटन के अंगुरी पर गिनल जा सकेला आ ओहू में कुछ पर बरीसन ना त महीनन पुरान सामग्री मिली. दोस उनकर नइखे. गुन ना हेरानो गुनगाहक हेरानो है! अइसन बात नइखे कि भोजपुरी में वेबसाइट चलावे वालन के भोजपुरी के फिकिर ना होखे. होला. बाकिर करसु त का? नाजायज बरदाश्त करऽ त ठीक ना त तोहरा के परेशान क के राख दिहल जाई. बानर के सिखावे का फेर में गौरईया के आपन घोंसला उजाड़ दिहल जाई.
कुछ कुछ एही सब से हार थाक के हम भोजपुरी सिनेमा के खबर भोजपुरी में दिहल बन्द ना त कम जरूर क देले बानी. बाकिर पाठकन के त उहे चाहीं. उनुका भोजपुरी भाषा, संस्कार भा संस्कृति से कुछ लेबे देबे के नइखे. रहीत त भोजपुरी के साहित्य, भाषा, संस्कृति के चरचा करीत लोग, लिखीत पढ़ीत लोग.
भोजपुरी जइसे चलत बा वइसहीं चलत रही. भोजपुरी से कमाए खाए वाला एही तरह खात रहीहें आ उनकर बस चले त भोजपुरिओ के खा जइहें.
रउरा त संजय के धन्यवाद देबे के चाहत रहे कि ओह पोस्ट के हटा लिहलन. ना हटइतन त का कर लेतीं सभे? उनकर त कामे ह प्रचार करे के, ले दही करे के. उनका के उनकर काम करे दीं, हमनी का आपन काम करत रहीं जा. ऊ लोग नइखे थाकत त हमनी का काहे थाकीं जा?
शुभकामना का साथे,
राउर,
ओम.