आदमी बाड़न? (ललित निबन्ध)
– रामजीत राम बेटा के आदमी बनावे के तइयारी बड़ा जोर से बा कि बेटा के पढ़ाइब आ आदमी बनाइब. आजु आदमी के अरथ बदल गइल बा. इ देखि के कि आदमी बने आ बनावे के कला एतना तेज हो गइल बा कि डर लागता. एह तुफान के आवेश में सब मर्यादो टूटे...
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