Category: कविता

राष्ट्र प्रेम के एगो गीत

मान  बढ़ाईं  जा माटी के    रामरक्षा मिश्र विमल दुअरा अंगना कहिया छिटकी मधुर किरिनिया भोर के कहिया  पन्ना  पलटल जाई  भारत माँ के  लोर के ?   तमिल तेलगू बङला हिन्दी सब  ह  भारत  के  भाषा अपना जगह  सभे  कंचन बा  एको  ना  बाटे ...

Read More

प्रीत के गीत हरदम सुनाइले हम

– लव कान्त सिंह बा अन्हरिया कबो त अंजोरिया कबो जिनगी में घाम बा त बदरिया कबो प्रेम रोकला से रुकी ना दुनिया से अब होला गोर से भी छोट चदरिया कबो उजर धब-धब बा कपड़ा बहुत लोग के दिल के पहचान हो जाला करिया कबो मिले आजा तू बंधन...

Read More

आन्हर घुमची

  जयशंकर प्रसाद द्विवेदी   घेंटा मिमोरत तोड़त – जोड़त आपन –आपन गायन अपने अभिनन्दन समझवनी के बेसुरा सुर बिना साज के संगीत साधना .   झाड़ झंखाड़ से भरल उबड़ खाबड़ बंजर जमीन ओकर करेजा फारत फेरु निकसत कटइली झाड़...

Read More

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।