Category: कविता

दू गो गीत

– अक्षय कुमार पाण्डेय (1) बसन्त चमचम चमके लागल पीतर सोना जइसन भाई – समझऽ अब बसन्त आइल हऽ। पुरुवा से पछया झगरत बा दुपहर साँझ फजीरे, पाथर के रसरी रगरत बा हँसि-हँसि धीरे-धीरे, उतर गइल पानी इनार के उकचे लागल काई, समझऽ अब...

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फगुनवा मे

– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी बियहल तिरिया के मातल नयनवा, फगुनवा में ॥ पियवा करवलस ना गवनवां, फगुनवा में ॥ सगरी सहेलिया कुल्हि भुलनी नइहरा । हमही बिहउती सम्हारत बानी अँचरा । नीक लागे न भवनवा, फगुनवा में ॥ पियवा ….....

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गजल

– अशोक द्विवेदी आपन भाषा आपन गाँव, सुबहित मिलल न अबले ठाँव । दउरत-हाँफत,जरत घाम में, जोहीं रोज पसर भर छाँव । जिनिगी जुआ भइल शकुनी के, हम्हीं जुधिष्ठिर, हारीं दाँव । कमरी ओढ़ले लोग मिलत बा केकर केकर लीहीं नाँव । जरलो पर बा...

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होरी आइल बा आ खुलल मुँह बा : 2 गो कविता

– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी होरी आइल बा जरत देश बा-धू धू कईके सद्बुद्धि बिलाइल बा. कइसे कहीं कि होरी आइल बा. चंद फितरती लोग बिगाड़ें मनई इनकर नियत न ताड़ें मगज मराइल ए बेरा मे भा कवनों चुरइल समाइल बा. कइसे कहीं कि होरी आइल बा....

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दइब टेढ़ भइले करमवो बा फूटल : गजल

– रामयश अविकल चलीं ई सबुर के बन्हल-बान्ह टूटल कमाये बदे आज घर-गाँव छूटल। मिलल मार गारी, मजूरी का बदला सरेआम अब आबरू जाय लूटल। भवन तीन-महला शहर में बा उनकर हमन के त झाँझर पलनियो ले टूटल। इहाँ दाल-रोटी चलल बाटे मुस्किल दइब...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।