Category: कविता

गंगा प्रसाद अरुण के दू गो गजल

(1) छलकत तलफत नजर, त बरबस गजल भइल. लहसल लहकत दहर, त बरबस गजल भइल. अद बद पनघट पर जब परबत पसर गइल, सइ-सइ लहरल लहर, त बरबस गजल भइल. चटकल दरपन चमकल दहक-सहक बन-बन, समय गइल जब ठहर, त बरबस गजल भइल. अलकन पर, मद भरल नयन, मनहर तन पर,...

Read More

अछूत के कहानी

-(स्व॰) हीरा डोम हमनी के राति दिन दुखवा भोगत बानी हमनी के सहेबे से मिनती सुनाइबि हमनी के दुख भगवनवो न देखता जे हमनी के कब से कलेसवा उठाइबि पदरी सहेब के कचहरी मे जाइबि जा बेधरम होके रंगरेज बनि जाइबि हाय राम! धरम न छोड़त बनता बा जे...

Read More

भोजपुरी-मैथिली के भाव में विभोर भइल दिल्ली…

– ओेमप्रकाश अमृतांशु कविता अइसन विद्या ह जेकर उमिर दस-बीस साल ना सैकड़ो-हजारो साल होखेेेेला. जेकरा के अनपढ़ो सुन सकेला, गुनगुना सकेला. कवि के कविता के भाव में दरद, आक्रोश, प्रेम आ ढ़ेरन अभिव्यक्ति के समावेश होखेेला. कविता में...

Read More

अजगर

– संतोष कुमार गाँव के गाँव लील रहल बा नीमिया के छाँव पानी के पाँव कुल्ही लील गइल अजगर. भले ओकर नाम शहर बा बाकिर ओकरा मे बड़ा जहर बा जहर बा छल कपट के, दुराव के, तनाव के विष बा धोखा के, चपलूसी के, बिखराव के उजड़ गइल गाँव गोरी...

Read More

डेढ़ अछरी पाठशाला

– डॉ० हरीन्द्र ‘हिमकर’ पेट आ पाटी का बीच खाई ना भर सकला से रूसल रहि गइली सुरसती हमरा बंश से आ हमरा अंश से जामल कवनो बिरवा पनिगर ना हो सकल हम ना बो सकलीं सेंउठियाइल ‘सुखिया’ का कोख में मेधा के ब्लाॅक...

Read More

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।