Category: कविता

मचल बा हाय खलबली

– ओ.पी .अमृतांशु जीतल मंगरुआ बो मुखिया चुनाव में  मचल बा हाय खलबली, देखऽ गली -गली. छाका छोड़ाई दिहलस एमे. बीए पास के  मुखिया जी खुरुपी ले के चलीं दिहलें घास के निपट-अनाड़ी भारी उठल बीया गावँ में   मचल बा हाय खलबली, देखऽ...

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कभी कभी हमरा दिल में खयाल आवेला.

– अभयकृष्ण त्रिपाठी कभी कभी हमरा दिल में खयाल आवेला. भोजपुरिया बानी हमरा भोजपुरिये भावेला, अंगिका, वज्जिका, मगही मैथिलि सब हमरे नगीना बा, भोजपुरी जइसन मिश्री बोलला में नाही कवनो दाम बा, भोजपुरिया के सफ़र शुरू भी भोजपुरिये...

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फागुन के आसे

– रामरक्षा मिश्र विमल फागुन के आसे होखे लहलह बिरवाई. डर ना लागी बाबा के नवकी बकुली से अङना दमकी बबुनी के नन्हकी टिकुली से कनिया पेन्हि बिअहुती कउआ के उचराई. फागुन के आसे होखे लहलह बिरवाई. फागुन के आसे होखे लहलह बिरवाई....

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अमौसा के मेला

– कैलाश गौतम प्रसिद्ध कवि कैलाश गौतम के एगो रचना उहें के आवाज में प्रस्तुत कइल जा रहल बा जवन एगो कवि सम्मेलन में पेश भइल रहे. पूरा ट्रांस्क्रिप्ट जस के तस दिहल जा रहल बा काहे कि ओकर अनुवाद के कवनो जरुरत नइखे लागत. कवि अपना...

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फाग गीत

– रामरक्षा मिश्र विमल लागेला रस में बोथाइल परनवा ढरकावे घइली पिरितिया के फाग रे. धरती लुटावेली अँजुरी से सोनवा बरिसावे अमिरित गगनवा से चनवा इठलाले पाके अँजोरिया जवानी गावेला पात-पात प्रीत के बिहाग रे. पियरी पहिरि झूमे सरसो...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।