Category: कविता

शिवरात्रि के त्यौहार

– अभयकृष्ण त्रिपाठी आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार, भोले बाबा सुनी लिह बिनती हमार, मत दीह केहु के भी कवनो उपहार, भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II पापियन के नाश के महिमा सुनाईले, भस्मासुर के लीला भी भूले...

Read More

एगो नवगीत

– रामरक्षा मिश्र विमल फूटल भाग लोराइल अँखिया मन पितराइल. असरा के अङना में सपनन के आवाजाही दिन बदलल का दिल बदलल मन हो जाला घाही अलगवला पर मुहर लगल जियरा छितराइल. थथमत आवेला बसंत मन सहमे लागल बा शीशा के पँजरा जाए में सोचे...

Read More

कुछ दोहा

-चंदन मिश्र डाढ़ी जर अब गाछ के, बाटे रहल बटोर। आखिर फल कइसे मिली, पत्ता पत्ता चोर॥ जर से ले के डाढ़ तक, केहू ना कमजोर। केहू अधिका ले गइल, केहू थोरका थोर॥ जब घरहिं के लोग कइल, आपन देस गुलाम। जिअते जी जे मर गइल, ओकरा से का काम॥ पानी...

Read More

जा रे झूम के बसंती बहार 

– ओ.पी .अमृतांशु जा रे झूम के बसंती बहार  पिया के मती मार पिया बसेला मोर परदेसवा में . सरसों के फुलवा फुलाईल आमवा के दाढ़ मोजराईल , अंगे-अंगे मोर गदाराइल हाय!उनुका ना मन में समाईल , लाली होठवा भइल टहकार पिया के मती मार...

Read More

बेहतर बा एगो दिया जरा लीं

बक्सर में छह फरवरी के आयोजित भोजपुरी कवि सम्मेलन के संबोधित करत बिहार भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष डा॰ रविकांत दूबे कहलें कि भोजपुरी के प्रतिष्ठा दिआवे खातिर ऊ सब कुछ करे के तइयार बाड़न आ एहमें सभकर सहयोग के आह्वान ऊ अपना कविता के...

Read More

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।