Category: कविता

तलास

– डा॰ सुभाष राय मौसम जब साफ बा त केहू बाढ़ के खिलाफ पोस्टर लगा सकेला बिजुरी के गरिया सकेला तूफान के खिलाफ दीवाल प नारा लिखि सकेला जब हवा शीतल धूप मिट्ठ लगे त केहू करांति क कहनी सुना सकेला लेनिन आ माओ क फोटो घर के दीवाल प...

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वापसी

– डा॰ सुभाष राय हम जरूर लउटब घाटी से निकलब स्याह चट्टान प रोशनी बिछावत रेगिस्तान की सीना से झरना जइसन फूटत बालू में जिनगी बोवत बढ़ब आ तुहार मटियाइल हाथ चूमि लेब. जब तुहरी बखरी में अन्हार कम होखे लगी तुहरी अंगना में झुंड क...

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बुढ़ापा के जिनगी

– नूरैन अंसारी लोर बहत बा अंखिया से बरसात के तरह. हम जियत बानी जिनगी मुसमात के तरह. भरल बा घर कहे के अपने ही लोग से, बाकिर छटाईल बानी हम कुजात के तरह. जब से उठ गईल हमरा भरोसा के अरथी, हम बसाये लगनी अरुआइल दाल-भात के तरह....

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केने बाड़ी सीता (पहिला खण्ड)

– हीरालाल हीरा 1) हारि के वानर सिन्धु कछार बिचारेले के अब प्रान बचाई? फानि पयोनिधि के दस कन्धर के नगरी, जियते चलि जाई? राक्षस के पहरा दिन-राति सिया के सुराग कहाँ लगि पाई? जो न पता लगिहें त सखा सुग्रीव से बोलऽ ना का जा...

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चइत

– डॉ. कमल किशोर सिंह बहे बड़ी बिमल बयरिया हो रामा , चल बइठे के बहरिया . पोर,पोर टूटेला गतरिया हो रामा , मन लागे ना भीतरिया . रतिया के रमनीय चइत के  चंदनिया , बाहरे बिछाव सेजरिया हो रामा , सूतऽ तानी के चदरिया . सांझ सबेर...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।