DIGIP​IN तू डाढ़ डाढ़ हम पात पात

DIGIP​IN तू डाढ़ डाढ़ हम पात पात

जब पैन नम्बर, आ आधार कार्ड के शुरुआत भइल रहल तब के सोचले रहल कि ई रउरा बारे में कतना जानकारी बटोर ली आ एकरा सहारे सरकार कहाँ कहाँ रउरा बारे में जानकारी रउरा के बिना बतवले बटोरत रही. आजु हालात अइसन हो गइल कि करोड़ों रसोई गैस कनेक्शन. मनरेगा कार्ड वगैरह गायब हो गइली सँ काहें कि एकही आधार कार्ड लगा के कई गो कनेक्शन लीहल गइल रहुवे. एके आधार कार्ड का सहारे कई कई गो फर्जी मनरेगा कार्ड बना के सरकारी सु‌विधा के लूट खसोट होखत रहुवे. गँवे गँवे सभकर खुलासा होखत गइल. अब कुछ दिन में वोटरो कार्ड एही दायरा में आवे जा रहल बा.

एही कड़ी में एगो नया नम्बर आ गइल बा डीजीपिन का रूप में. डाक विभाग पहिले पिन कोड से शुरु कइलसि जवना में छ अंक में राउर डाकघर समाहित हो जाला. पहिला नम्बर राज्य, भा कुछ मामिलन मे कई गो राज्य एके नम्बर में शामिल बाड़े सँ, बतावेला. चूंकि पहिला अंक नव गो से बेसी हो ना सके आ देश में अठाइस गो राज्य आ 8 गो केन्द्र शासित प्रदेश बाड़ी सँ. ई सगरी के नौ गो समूह में बाँटल बा. ओकरा बाद के दू गो अंक जिला बतावेला आ आखिरी तीन गो अंक ओह जिला के डाकघर. एह तरह से छह अंक के पिन कोड से रउरा डाकघर के जानकारी हो जाला.

अब डाक विभाग एगो नया आधुनिक डीजीपिन ले के आइल बावे. डीजीपिन 10 गो अल्फान्यूमरिक कोड होला. एह में अंक आ अंगरेजी अल्फाबेट्स के इस्तेमाल होखी. ई डीजीपिन पूरा देश के अनगिन वर्ग में बाँट दी. हर वर्ग के लंबाई चार मीटर आ चौड़ाई चार मीटर के होखी. आ रउरा अपना डीजीपिन से आपन लोकेशन बता सकीलें जवना सहारे रउरा तक चँहुपल जा सकी. ई डीजीपिन नदी, दियरा, समुद्र, जंगल, पहाड़, रेगिस्तान हर जगह के पता बता दी जवना का सहारे रउरा तक सहजता से चँहुपल जा सकी. अबहीं राउर मोबाइल बतावत रहेला कि रउरा कहवाँ बानी. काहे कि राउर मोबाइल जवना टावर से सिग्नल ले रहल बा ओह टावर से राउर लोकेशन पता लागत रहेला आ एही सहारे पुलिस अपराधियन के धर पकड़ में सहायता लेले.

डाक विभाग के कहना बा कि राउर पोस्टल पता अबहियों उहे रही जवन पहिले से मौजूद बा. पोस्टल पता ना बदली काहे कि डाक रउरा आवास भा कार्यालय तक चहुँपावे के होला. बाकिर स्विगी, जोमेटो, ब्लिंकीट, जेप्टो, अमेजन, मिंत्रा वगैरह कंपनी राउर सामान ओहिजा सहजता से चहुँपा पइहें जहाँ रउरा मौजूद बानी. राउर डाक पता त स्थायी होला बाकिर डीजीपिन हर डेग पर बदलत जाई. एहिसे हम मथैला लगवले बानी कि तू डाढ़ डाढ़ हम पात पात ! पिन कोड के दायरा बहुते बड़हन होला आ कई बेर रउरा कहाँ बानी ई बात रउरो सही सही मालूम ना होखे. रउरा ना जान पाईं कि रउरा कवना रोड का किनारे बानी, कवना मोहल्ला में बानी, जंगल के कवना कोना में कवना दिशाईं बानी. दियरा आ रेगिस्तान में त कवनो पता होखबे ना करे. समुद्र में रउरा आपन पता केहू दोसरा के कइसे बता सकीलें. बाकिर एक बेर रउरा आपन डीजीपिन जान गइनी त रउरा आपन सही लोकेशन दोसरा के बता सकीलें आ कुछ दिन में गूगल मैप, ओला, उबर वगैरह रउरा तक चहुँपे में एह डीजीपिन के व्यवहार करे लगीहें.

डीजीपिन डाकविभाग आ आईआईटी हैदराबाद, एनआरएससी, आ इसरो के संयुक्त प्रयास से विकसित कइल गइल बा.

डीजीपिन व‌ास्तव में अक्षांश आ देशान्तर का आधार पर काम करेला. आ डीजीपिन में राउर कवनो निजी जानकारी शामिल ना होखी काहे कि एगो डीजीपिन पर कई गो आदमी हो सकेलें आ राउर डीजीपिन डेग डेग पर बदलत जाई जइसे कि तीन कोस पर पानी बदले पाँच कोस पर बानी. जहाँ न पँहुचे रवि ओहिजा पँहुचे कवि वाला अंदाज में हर बियाबान में रउरा तक चहुँपल जा सकी. एकर सबले लाभदायक उपयोग आपात काल में प्राकृतिक विपदा भा युद्ध का हालात में सहायता आ सामग्री चहुँपावे में कइल जा सकी.

अब जब कबो रउरा आपन डीजीपिन जाने के होखे त अपना मोबाइल में लोकेशन चालू कर दीं आ तब डीजीपिन बतावे वाला डाकविभाग सेवा पर जाईं आ आपन डीजीपिन जान लीं.
घर के डीजीपिन जानल सबले जरुरी बा. एकरा के एक बेर जान लीं आ लिख के रख लीं. का जाने कब एकर जरुरत पड़ जाव!

DIGIPIN stands for Digital Postal Index Number.

 

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