सोमारी के फेर (बतकुच्चन 164)
ओह दिन सावन के पहिला सोमारी रहल. किरन फूटे से पहिलहीं श्रद्धालुअन के झुंड के झुंड शिवजी के अर्घ्य दे के लवटत रहल. सबे खुश रहे कि भीड़ उमड़े से पहिलहीं जल चढ़ा लिहनी ना त बाद में भीड़ में कचराए के पड़ित. बाकिर हम सोचे लगनी कि...
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