Tag: बतकुच्चन

बापे पूत परापत घोड़ा, बहुत नहीं त थोड़ा थोड़ा (बतकुच्चन 162)

बापे पूत परापत घोड़ा, बहुत नहीं त थोड़ा-थोड़ा. इहाँ ले कि जेकरा बारे मे कहल गइल कि ‘डूबल बंश कबीर के जमले पूत कमाल’ उ कमालो एह कहाउत प ठीक बइठेले. हालांकि कबीर के हर बात के उलटबाँसि बतियावत कमाल के कहना रहे कि...

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जेकर बनरी उहे नचावे (बतकुच्चन 161)

जेकर बनरी उहे नचावे, आन खेलावे काटे धावे. कहला के मतलब कि जवन जेकर काम ह, जवना काम में जे पारंगत बा, उ काम ओही आदमी के करे के चाहीं. दोसर केहु करे चली त नुकसान होखे के अनेसा रहेला. एही बात के एगो मतलब अउर निकलेला. पोसुआ अपना...

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बकसऽ ए बिलार मुरगा बाँड़ हो के रहीहें. (बतकुच्चन 160)

बकसऽ ए बिलार मुरगा बाँड़ हो के रहीहें. रउरा सभे सोचत होखब कि ई हर हफ्ते का आ जालें बक बक करे. आ हम सोचीले कि ल फेर कपारे आ गइल बतकुच्चन करे के दिन. गनीमत एतने बा कि बहुत कमे जगहा घेरे के पड़ेला. जइसे नाच का बीच बीच में आवे वाला...

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वेल बिगन इज हाफ डन (बतकुच्चन 159)

वेल बिगन इज हाफ डन. अंगरेजी के एह कहाउते जइसन भोजपुरी के कहाउत ह साधे समहुत सधे पुनाहुत. मतलब कि अगर कवनो काम के समहुत, शुरुआत, बढ़िया हो गइल त मान लीं कि ओकर पुर्णाहुति, पुनाहुतो, बढ़िए रही. बाकिर मन साधे आ सधे में अझुरा के रहि...

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शपथ, कसम, किरिया, आ सौगन्ध (बतकुच्चन 158)

ओह दिन जब राष्ट्रपति महोदय देश के नयका प्रधानमंत्री के शपथ दिआवत रहलन त पूरा देश देखत रहे. केहु खुशी से त केहु निराशा से. कुछ लोग के त आतना कष्ट रहल कि उ लोग समारोह का ओर झाँकहु ना गइल. खैर. जे गइल ओकर मर्जी, जे ना गइल ओकर...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।