लोके आ लपके के फरक (बतकुच्चन 157)
कहल गइल बा कि बीत गइल तवन बात गइल. बाकिर का ई सचहू एतना आसान होला? बीते ला त चुनाव बीतिए नू गइल बाकिर ओकर फल अब खट्टा निकले भा मीठ पता ना कतना साल ले खाए के पड़ी. जीते वाला त जीत गइल बाकिर कुछ लोग जीतिओ के ना जीतल. सपना सपने रहि...
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