पोरे पोरे उठऽता लहरिया ए ननदी (बतकुच्चन – 154)
अंगुरी में डँसले बिया नगिनिया ए ननदी, सईंया के जगा दे! पोरे पोरे उठऽता लहरिया ए ननदी भईया के जगा दे. कबो महेन्दर मिसिर ई पूरबी लिख के मशहूर हो गइल रहलें. आ आजु ले एकर लहर थमल नइखे. अबहियों ई लहर ओहि तरह लहरावत रहेले जब ना तब....
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