Tag: बतकुच्चन

माङ आ आङन के ङ (बतकुच्चन – १४९)

अब रउरा पतियाईं चाहे मत बाकिर संजोग कुछ अइसन बन जात बा कि पत से पतुरिया के चरचा फेरू पाछा छूटल जात बा. काल्हुए एगो लिखनिहार से बात होखत रहे त उ बात उठा दिहलन ङ के. हिन्दी में ङ के इस्तेमाल खोजले ना भेटाईं. संस्कृत में एकर...

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चोलिया प जयहिन्द लिखवली (बतकुच्चन – १४८)

रजवा के बेटिया भइली कंगरेसिया हो रामा, चोलिया पर. चोलिया पर जय हिन्द लिखवली हो रामा चोलिया पर. जानत बानी कि फगुआ के मौसम ह आ ई गीत चइता के ह. बाकिर माहौल कुछ अइसने बन गइल बा आ चरचा में दू गो अइसन मॉडल आ गइल बाड़ी जे अपना अपना...

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गलत आ कि गलती से (बतकुच्चन – १३२)

चुनाव कपारे पर बा आ नेता लोग परेशान हो चलल बा. कबो कुछ गलत बात कह देत बा त कबो गलती से कुछ बात निकल जात बा. आ सोचब त रउरो मान जाएब कि गलत बात कहल आ गलती से कवनो बात कह दीहल दुनु अलग अलग बात होला. हमरा बतकुच्चन में कुछ बात कबो...

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भाखा आ भाखल (बतकुच्चन – १३१)

भाषा के केहू भासा बोलेला त केहू भाखा. ष के उच्चारण आम बोलचाल में ख हो जाला. लिखे में भोजपुरी मे त भासा के इस्तेमाल खूबे होला. खैर आजु हम भासा का फेर में नइखीं. हम त आज भाखा आ कुभाखा का फेर में बानी. ई भाखा भाषा वाली भाखा ना होके...

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शहजादा आ शोहदा (बतकुच्चन – १३०)

राजनीति में आवत गिरावट के कवनो पेंदी नइखे लउकत. चारा चबावे वाला के उमेद रहुवे कि ओकरा साथे भाईचारा निभावल जाई बाकिर ओकरा के बेचारा बना दिहल गइल. जे जब तब संकट का घरी में उनुकर साथ दिहलसि आ देत गइल ओकरा पर जब आफत आइल त तनाइलो...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।