बकवास, भाषण, संबोधन, आ प्रवचन (बतकुच्चन – १२४)
बकवास, भाषण, संबोधन, आ प्रवचन चारो एकही काम के अलग अलग जाति ह. चारो में बहुत हद तक समानता मिल सकेला भा जवन एक आदमी ला बकवास होखी उ दोसरा ला प्रवचन हो सकेला. चारो में एक आदमी बोलेला आ बाकी लोग सुनेला. सुने वालन के काम हँ में हँ...
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