Tag: बतकुच्चन

बतकुच्चन ‍ – ८२

“छोड़ु छोड़ु मखिया रे आजु के रतिया / हिया भरि देखुँ दमाद अलबेलवा रे.” बाकिर सासू करसु त का? “सासु के अँखिया लगल मधुमखिया रे/ देखहू ना पवली दमाद अलबेलवा रे.” आ दमाद के खासियत अइसन कि ना देखवले बने, ना...

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बतकुच्चन ‍ – ८१

जवना दुखे अलगा भइनी तवने मिलल बखरा. कुछ लोग एह कहाउत के दोसरो तरह कहेला कि सास दुखे अलगा भइनी ननद मिलली बखरा. बात एके ह. कवनो जरूरी नइखे कि अलगा भइला का बाद बखेड़ा खतम हो जाउ, एक दोसरा के बखोरल खतम कर देव लोग. अब अन्ना से अरविंद...

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बतकुच्चन – ८०

ना अँवटब, ना पवढ़ब, ना दही जमाएब. दूधवे उठा के पी जाएब, एके ओरहन रही. बात सही बा. रोज रोज के तकरार, ओरहन, तंज से तंग आ के कवनो चाकर, कवनो सरकार, कवनो भतार एह तरह के फैसला कर सकेला. अब एह पर चँउके के कवनो जरूरत नइखे कि भतार शब्द...

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बतकुच्चन ‍ – ७९

चोट त चोट ह आ कचोट? कचोट के कम चोट समुझे वाला के बुड़बके बुझे के पड़ी. काहे कि कचोट झलके ना भितरे भितर चोट मारत रहेला. देह के चोट त देर सबेर भुलाइओ सकेला आदमी बाकिर मन के चोट, कचोट, भुलावल बहुते मुश्किल होला. आजु जब लिखे बइठल बानी...

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बतकुच्चन ‍ – ७८

ठाँवे-ठाँवे ठठ के ठठ लोग दोसरा के ठोकत-ठेठावत ठाँय-ठाँय करत ठाँव नइखे लेबे देत. संजोग बा दुर्योग से ओहू ठठ के नेता ठए धातु के हउवन स. अब ठए से ठठेरो होला, ठए से ठाकरे आ ठाकुरो होला. ठाकुर के कवनो खास जात ना होखे. बाभनो ठाकुर...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।