Tag: बतकुच्चन

बतकुच्चन ‍ – ७२

रोए के रहनी तले अँखिए खोदा गइल. लिखब त उहे जवन लिखे के रहल. बाकिर बज्जर पड़ो एह ग्रिड पर जवना चलते पिछला दिने आधा हिन्दुस्तान अन्हार हो गइल रहुवे. पावर ग्रिड के कहना बा कि राज्यन का ग्रीड का चलते ग्रिड फेल कर गइल. जबकि राज्य एह...

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बतकुच्चन ‍ – ७१

सास दुखे अलगा भइनी ननद पड़ली बखरा. समय का साथे बहुत कुछ बदल जाला आ कुछ ना बदले. पहिले परिवार में संयुक्त परिवार होखत रहवे जवन टूट के एकल परिवार होत गइल आ अब हालत अतना खराब बा कि दू बेकत के परिवारो में खटपट होखत रहत बा. पहिले बड़का...

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बतकुच्चन – ७०

लस्टम पस्टम में दिहल ज्योति जी के सवाल पर कुछ कहे से पहिले एक बात साफ कर दिहल जरूरी लागत बा. हम ना त भाषा शास्त्री हईं ना भाषा वैज्ञानिक. हम त बस नाच के लबार हईं, सर्कस के जोकर हईं, रमी के पपलू हईं. शब्दन से खिलवाड़ करत बतकुच्चन...

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बतकुच्चन – ६९

पीर से पीर कि पीर के पीर कि पीरे पीर बना देले आ तब पीर खातिर पीर सहाउर हो जाले? अब एह पीर के रीत से पिरितिया बनल कि पिरितिया में पीर के रीत बन गइल बा? संस्कृत के प्रीत बिगड़त बिगड़त कब पिरित हो गइल आ एह पिरितिया के संबंध पीर से...

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बतकुच्चन – ६६-६८

बतकुच्चन – ६६ सोमार के बरखा त बरखल बाकिर अबहीं लर नइखे लागल. लर के मतलब त होला रसरी, सूतरी भा धागा बाकिर एकरा के निरंतरता भा लगातार होखे-बोले वाला बातो खातिर इस्तेमाल कइल जाला. का लर ध लिहले बाड़, एके बात के? जइसे कि पिछला...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।