Tag: बतकुच्चन

बतकुच्चन – ६०

रोए के रहनी तले अँखिए खोदा गइल. एह भोजपुरी कहाउत के सीधा मतलब त इहे निकलेला कि कुछ खराब सोचते रहीं कि ऊ होइओ गइल. पता ना अनिष्ट अनेसा में अइसन कवन खासियत होला कि सोचलीं त हो के रही. अगर कुछ गलत होखे के अनेसा मन में बनल बा त जान...

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बतकुच्चन – ५९

आजु जब बतकुच्चन लिखे बइठल बानी त सामने दू गो मौत के खबर पड़ल बा. एगो चंदौली के भोजपुरी कवि रामजियावन दास बावला के आ दोसरका गोरखपुर के आचार्य प्रतापादित्य के. अब बतकुच्चन के ई विषय त ह ना बाकिर दिमाग जे बा से कि एही पर अटक के रहि...

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बतकुच्चन – ५८

भाषा संस्कार से बनेला कि भाषा से संस्कार बनेला एह बाति पर ढेरहन बतकुच्चन कइल जा सकेला. बाकिर एह बाति पर ना कि साहित्य समाज के दर्पण होले. साहित्य के रूप हर समय बदलत रहेला आ आजु के साहित्य में एसएमएस, ट्विट भा फेसबुक अपडेट शामिल...

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बतकुच्चन – ५७

जमाना खराब हो गइल बा. कब केकरा कवन बाति बाउर लाग जाई आ ऊ रउरा के कूटे लागी कहल ना जा सके. विदूषक, बतबनवा, लबार, कामेडियन आ कार्टूनिस्टन के पिटाए के अनेसा हमेशा बनल रहेला. हमार मुंह टेढ़ काहे बनवले, चल हम तोर मुँह टेढ़ कर देत बानी....

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बतकुच्चन – ५६

भाषा भोजपुरी से हमार परिचय नौ बरीस से बा. एह बीच बहुते तरह के लोग से भेंट भइल. कुछ ओह लोग से जे भोजपुरी में आपन धंधा करत बा त कुछ ओहू लोग से जे भोजपुरिए के आपन धंधा बना लिहले बा. सोचीं त दुनु में कवनो खास अंतर ना बुझाई बाकिर गौर...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।