Tag: बतकुच्चन

बतकुच्चन – 204

अबकी ढेर दिन बाद संपादक जी से आदेश मिलल कि बतकुच्चन के नया कड़ी भेजल जाव त खुशीओ मिलल आ घबराहटो भइल. काहे कि एने ढेर दिन से कलम उठावे के आदत छूट गइल रहे. अब एकरा के का लुकाईं कि सन्मार्ग में छपल बन्द भइला से मन उदास हो गइल रहे....

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पइसल आ पसार (बतकुच्चन – 203)

बात के खासियते होला कहीं से चल के कहीं ले चहुँप जाए के. कहल त इहो जाला कि एक बार निकलल ध्वनि हमेशा खातिर अंतरिक्ष में मौजूद हो जाले. आजु पइसार आ पसार के चरचा करे बइठल हम त पसोपेश में बड़ले बानी कि कहाँ से शुरु कइल जाव. काहे कि...

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बात पर बात (बतकुच्चन – 195)

सरकार बदलले एक साल बीतल बा आ देश मे बतकही के दौर जारी बा. ई बतकही कब बतकही में बदल जाई केहु ना बता सके. बातचीत कब बाताबाती हो जात बा बुझाते नइखे. सरकार कुछ बोलत ना रहुवे त शिकायत रहुवे कि सरकारो के मालूम बा कि ओकरा लगे बतावे...

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अनसोहाते अनसाईल अनसाह (बतकुच्चन – 194)

कबो ट्रेन के टाइम त कबो हवाई जहाज के टाइम का चलते अनसोहाते मौका मिल जाला बतकुच्चन से आराम करे के. सोहाव त ना बाकिर कुछ देर ला सोहावन जरूर लागेला. आ आज एहीसे अनसोहाते पर बतकु्च्चन करे के मन बनवले बानी. अब रउरा एहसे अनस आवे, रउरा...

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घूर का घुरची में घुरचियाइल (बतकुच्चन – 193)

जय हो बाबा लस्टमानंद के! पिछला अतवार के घूर के चरचा में अइसन टीप दिहलन कि सोचल धरा गइल आ हम घूर का घुरची में घुरचिया के रह गइनी. सोचे लगनी त लागल कि आखिर हम बतकुच्चन में करेनी का, घुरबिनिया छोड़ के. बाकिर घूर आखिर कइसे अतना...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।