बतकुच्चन – 204
अबकी ढेर दिन बाद संपादक जी से आदेश मिलल कि बतकुच्चन के नया कड़ी भेजल जाव त खुशीओ मिलल आ घबराहटो भइल. काहे कि एने ढेर दिन से कलम उठावे के आदत छूट गइल रहे. अब एकरा के का लुकाईं कि सन्मार्ग में छपल बन्द भइला से मन उदास हो गइल रहे....
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